कुछ समय के लिए हावी हो सकती हैं आतंकी ताकतें, लेकिन अस्तित्व स्थायी नहीं- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि तोड़ने वाली और आतंकी ताकतें कुछ समय के लिए भले ही हावी हो जाएं, लेकिन अस्तित्व स्थायी नहीं होता है। सोमनाथ मंदिर से संबंधित कई परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ये बात कही। भले ही उन्होंने ये बात सोमनाथ मंदिर के इतिहास के संदर्भ में कही हो, लेकिन इसे अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
आस्था को आतंक से नहीं कुचला जा सकता- प्रधानमंत्री
अपने वर्चुअल संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह मंदिर आज भी पूरी दुनिया के सामने यह आह्वान कर रहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता। आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता। इस मंदिर को सैकड़ों साल के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, मूर्तियों को खंडित किया गया। लेकिन इसे जितनी बार गिराया, यह उतनी ही बार फिर से खड़ा हो गया।"
प्रधानमंत्री बोले- आतंकी ताकतें मानवता को दबाकर नहीं रख सकतीं
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज सोमनाथ मंदिर पूरे विश्व के लिए एक संदेश है कि विनाशकारी शक्तियां और आतंक के दम पर साम्राज्य स्थापित करने की विचारधारा कुछ वक्त के लिए भले ही हावी हो जाएं, लेकिन उनका अस्तित्व स्थायी नहीं होता। वे ज्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकते। यह बात तब भी उतनी ही सही थी जब कुछ आतंकी मंदिर को गिरा रहे थे और आज भी उतनी ही सही है जब विश्व आतंकवाद से आशंकित है।"
अफगानिस्तान पर तालिबान ने कर लिया है कब्जा
प्रधानमंत्री मोदी ने ये बयान ऐसे समय पर दिया है जब अफगानिस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान ने कब्जा कर लिया है औऱ वह यहां अपनी सरकार बनाने की फिराक में है। तालिबान के बर्बर इतिहास के कारण अफगानिस्तान के लोग और खासकर महिलाएं डरी हुई हैं और हजारों लोग देश से भागने का प्रयास रहे हैं। हालांकि एक के बाद एक कई देश तालिबान के अफगानिस्तान को मान्यता देते जा रहे हैं।
तालिबान के कब्जे के बाद भारत के लिए बदल गए हैं समीकरण
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही भारत के लिए सारे समीकरण बदल गए हैं जो अभी तक अफगानिस्तान में लोकतंत्र और विकास को बढ़ावा देने में आगे रहा है। भारत को आशंका है कि तालिबान के आने के बाद पाकिस्तान अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कर सकता है। भारत के तालिबान से अनाधिकारिक तौर पर बातचीत करने की खबरें भी सामने आई हैं। भारत हमेशा तालिबान को आतंकी संगठन मानता रहा है।