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मुंबई: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पीछे हटा पीड़ित पक्ष, कोर्ट के कार्रवाई के आदेश
मुंबई की कोर्ट ने नाबलिग से दुष्कर्म के मामले में बयान बदलने पर दिए पीड़िता और उसकी मां के खिलाफ कार्रवाई के आदेश।

मुंबई: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पीछे हटा पीड़ित पक्ष, कोर्ट के कार्रवाई के आदेश

Aug 27, 2021
05:55 pm

क्या है खबर?

मुंबई की एक विशेष अदालत ने पोक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पीछे हटने पर अभियोजन पक्ष को शिकायतकर्ता और उसकी मां के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि POCSO अधिनियम में दर्ज इस मामले में पीड़िता और उसकी मां के असहयोगात्मक रवैया के कारण पूरा मामला बिगड़ गया है। इसके अलावा अपराध के बाद भी आरोपी के खिलाफ अपराध साबित नहीं हो पाया है।

प्रकरण

पीड़िता ने 2019 में दर्ज कराया था मामला

इंडिया टुडे के अनुसार, नाबालिग थ्रोबॉल खिलाड़ी है। साल 2019 में जब वह आरोपी से मिली थी तो उसकी उम्र 17 साल थी। उसने आरोप लगाया कि मुंबई में कई जगह अभ्यास करने के दौरान आरोपी ने उसे अपने घर पर बुलाकर प्यार का इजहार किया था। इसके बाद दोनों ने लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाए। मार्च 2019 में कक्षा 12वीं की परीक्षा के बाद वह पीलिया से पीड़ित हो गई और उसके मासिक धर्म भी बंद हो गया।

गर्भवती

जांच में 24 सप्ताह की गर्भवती निकली थी पीड़िता

पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने पीलिया की बीमारी के कारण मासिक धर्म नहीं होने के बारे में अंदाजा लगाया था, लेकिन जब लंबे समय बाद जून में उसने जांच कराई तो वह 24 सप्ताह की गर्भवती निकली। इसके बाद उसने अपनी मां के साथ सांताक्रूज पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया था। उसके बाद से ही मामले की सुनवाई का दौर जारी है।

जानकारी

आरोपी ने सभी आरोपों को किया था खारिज

आरोपी ने उस पर लगाए गए दुष्कर्म सहित अन्य सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उसने कहा कि उसे गलतफहमी के कारण उसे झूठा फंसाया जा रहा है। उसने पीड़िता से शादी की थी और वह वर्तमान में अपनी बेटी के साथ खुश है।

इनकार

पीड़ित पक्ष ने भी किया आरोपों से इनकार

इस मामले में अब पीड़ित पक्ष ने भी सभी आरोपों से इनकार कर दिया है। पीड़िता ने कोर्ट में कहा कि वह कभी भी सांताक्रूज थाने में नहीं गई थी और न ही उसने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। उसने कहा कि उसने आरोपी के साथ 10 अक्टूबर, 2019 को शादी कर ली थी और उनके एक बेटी भी है। उसने अपने पति के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दी और न ही वह उसके खिलाफ कोई कार्रवाई चाहती है।

आदेश

कोर्ट ने दिए पीड़ित और उसकी मां के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

डिंडोशी सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश एचसी शिंदे ने कहा कि लंबी सुनवाई के बाद भी पीड़िता और उसकी मां के असहयोगात्मक रवैये के कारण पूरा मामला खत्म हो गया है।इसके कारण आरोपी के अपराध को साबित करने के लिए भी कुछ नहीं बचा है। पीड़िता और उसकी मां अभियोजन पक्ष की मुख्य गवाह थी, लेकिन अब वह बयानों से बदल गई है। उन्होंने मामले में अभियोजन पक्ष को पीड़िता और उसकी मां के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।