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    अफगानिस्तान: मुजाहिद्दीनों ने तीन जिलों को नियंत्रण में लिया, कई तालिबान लड़ाके मारे गए- रिपोर्ट

    अफगानिस्तान: मुजाहिद्दीनों ने तीन जिलों को नियंत्रण में लिया, कई तालिबान लड़ाके मारे गए- रिपोर्ट
    लेखन प्रमोद कुमार
    Aug 21, 2021, 12:41 pm 1 मिनट में पढ़ें
    अफगानिस्तान: मुजाहिद्दीनों ने तीन जिलों को नियंत्रण में लिया, कई तालिबान लड़ाके मारे गए- रिपोर्ट
    अफगानिस्तान में मुजाहिद्दीनों ने तीन जिलों को नियंत्रण में लिया

    अफगानिस्तान में सरकार बनाने की जुगत में लगे तालिबान ने अपने नियंत्रण वाले तीन जिले गंवा दिए हैं। खैर मोहम्मद अंद्राबी के नेतृत्व वाले मुजाहिद्दीनों ने बाघलान प्रांत के इन तीन जिलों- बानू, देह सलाह और पुल-ए-हेसार को तालिबान के कब्जे से छीन लिया है। बताया जा रहा है कि इस लड़ाई में तालिबान के कई लड़ाके मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं। मुजाहिद्दीनों का कहना है कि अब वो बाकी जिलों की तरफ बढ़ रहे हैं।

    पंजशीर के पास स्थित है पुल-ए-हेसार जिला

    अफगानिस्तान की स्थानीय समाचार एजेंसी अशवाका के अनुसार, मुजाहिद्दीन और तालिबान की लड़ाई में कई लड़ाके मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं। अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लिए आगे बढ़ रहे मुजाहिद्दीनों का कहना है कि तालिबान लोगों की भावना के अनुरूप काम नहीं कर रहा। बता दें कि काबुल के उत्तर में स्थित पुल-ए-हेसार जिला पंजशीर घाटी के नजदीक है और इस घाटी पर अभी तक तालिबान का कब्जा नहीं हो पाया है।

    यहां देखिये मुजाहिद्दीनों का वीडियो

    Public’s Resistance Forces under Khair Muhammad Andarabi claim that they have captured Pol-e-Hesar, Deh Salah and Banu districts in #Baghlan and advancing towards other districts. They are saying that the Taliban did not act in the spirit of a general amnesty. #Taliban pic.twitter.com/AS8isXlwNC

    — Aśvaka - آسواکا News Agency (@AsvakaNews) August 20, 2021

    तालिबान के खिलाफ बढ़ रहा विरोध

    इन तीनों जिलों के अलावा पंजशीर और जलालाबाद में तालिबान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि तालिबान के कई लोकल कमांडर इन दिनों काबुल में रुके हुए हैं, जिससे कई इलाकों में उसकी पकड़ कमजोर हुई है और मुजाहिद्दीन इसी का फायदा उठाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। जलालाबाद में भी कई लोगों ने तालिबान का झंडा उतारकर अफगानिस्तान का झंडा फहराया था। तालिबान की फायरिंग में यहां तीन लोग मारे गए थे।

    पंजशीर में एकजुट हो रहे तालिबान विरोधी

    पूरे देश पर कब्जा कर चुका तालिबान अभी तक पंजशीर को अपने नियंत्रण में नहीं ले पाया है। चारों तरफ पहाड़ियों से घिरी यह घाटी तालिबान के विरोधियों का केंद्र बन गई है। खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक उपराष्ट्रपति घोषित कर चुके अमरुल्लाह सालेह, अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और बल्ख प्रांत के पूर्व गवर्नर अता मुहम्मद नूर यहां से मुजाहिद्दीनों का नेतृत्व कर रहे हैं। पंजशीर हमेशा से तालिबान के लिए परेशानी खड़ी करता आया है।

    पंजशीर में बन रही नई फोर्स- रिपोर्ट्स

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सालेह और अहमद मसूद पंजशीर में बैठकर तालिबान के खिलाफ नई गुरिल्ला मूवमेंट फोर्स बना रहे हैं। बीते दिनों यहां कुछ इलाकों में मसूद के नॉर्दन अलायंस के झंडों के साथ गाड़ियों का एक काफिला नजर आया था। बता दें कि अहमद मसूद के पिता एक अनुभवी ताजिक कमांडर थे, जो 1990 के दशक में वह बुरहानुद्दीन रब्बानी की सरकार में रक्षा मंत्री रहे थे। एक आत्मघाती हमले में उनकी मौत हुई थी।

    मसूद से मिल सकते हैं तालिबान के प्रतिनिधि

    कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया है कि लड़ाई को रोकने के लिए तालिाबना के प्रतिनिधि अहमूद मसूद और उनके समूह के दूसरे लोगों से मिल सकते हैं। इस मुलाकात के समय को लेकर अभी तक जानकारी सामने नहीं आई है।

    तालिबान प्रमुख हिब्तुल्लाह अखुंदजादा बन सकता है 'सुप्रीम लीडर'

    तालिबान ने 20 साल बाद एक बार फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है और अब वो देश में अपनी सरकार बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। तालिबान ने साफ कर दिया है कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं होगी और वो एक परिषद के जरिए देश की सरकार चलाएगा। कयास हैं कि तालिबान का मौजूदा प्रमुख हिब्तुल्लाह अखुंदजादा इस पूरी व्यवस्था में राष्ट्रपति से ऊपर मार्गदर्शक का पद संभाल सकता है।

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