किसानों के निशाने पर रिलायंस जियो, पंजाब में 1,500 टावरों को नुकसान पहुंचाया
अपने बेहतर इंटरनेट प्लान और कनेक्टिविटी के चलते अन्य टेलीकॉम कंपनियों की नाक में दम करने वाली मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो टेलीकॉम कंपनी अब किसानों के निशाने पर आ गई है। केंद्र की ओर से लागू किए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने जियो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यही कारण है कि पंजाब में किसानों ने जियो से किनारा करने के साथ अब तक 1,500 टावरों को भी नुकसान पहुंचाया है।
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं किसान
सितंबर में लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे किसानों ने गत 25 नवंबर से अपने आंदोलन को तेज कर दिया था। उन्होंने सरकार के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था। किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने वाले कानून मंडियों को कमजोर कर देंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा। इसके चलते कॉरपोरेट जगह के लोग किसानों का शोषण करेंगे।
पिछले 24 घंटे में किसानों ने तोड़े 176 टावर
जियो के खिलाफ किसानों के गुस्से का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले 20 दिनों में ही पंजाब में जियो और उसे अनुबंधित कंपनियों के करीब 1,500 टावरों को क्षतिग्रस्त किया जा चुका है। इंडिया टुडे के अनुसार, राज्य में पिछले 24 घंटे में ही 176 से अधिक टावरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे कंपनी की संचार और इंटरनेट व्यवस्था पर खासा असर पड़ा है। किसानों ने टावरों के खिलाफ एक अभियान सा चला दिया है।
इस तरह से टावरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं किसान
पंजाब में किसान जियो के टावरों तक जाने वाली बिजली लाइनों के साथ टावरों की फाइबर केबल लाइन को कुल्हाड़ी से काट रहे हैं। इतना ही नहीं, किसान टावरों की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के बीच में आने पर उनसे भी मारपीट कर रहे हैं। इसी तरह कई जगहों पर टावरों के नीचे लगे जनरेटरों को भी हटाकर गुरुद्वारों तक पहुंचा दिया गया है। इसी तरह कई जगहों पर फाइबर केबलों के बंडलों को भी आग लगाई गई है।
यहां देखें किसानों के टावरों को क्षतिग्रस्त करने का वीडियो
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा #BoycottJio
कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे लोग रिलायंस का कोई भी सामान खरीदने से मना कर रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भी कुछ दिन से #BoycottJio जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
किसानों ने क्यों खोल रखा है जियो के खिलाफ मोर्चा?
कृषि कानूनों के खिलाफ पदर्शन कर रहे किसानों के जियो के खिलाफ मोर्चा खोलने का प्रमुख कारण यह है कि किसानों को लगता है कि नए कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी को सीधा लाभ होगा और सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने के पीछे उनका हित देख रही है। ऐसे में किसानों ने रिलायंस जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। इससे कंपनी की दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर भी खासा असर पड़ा है।
ज्यादातर मामलों में दर्ज नहीं हुई FIR
टावरों को क्षतिग्रस्त करने की ज्यादातर घटनाओं में पुलिस ने अभी तक FIR भी दर्ज नहीं की है। टॉवर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (TAIPA) के अनुसार राज्य में कुल 9,000 टावर है और अब तक 1,500 को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
मोबाइल टावर टूटने से प्रभावित हुआ लोगों का जीवन
जियो टावरों के क्षतिग्रस्त होने से आम लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है। लोग इंटरनेट तो दूर कॉल भी नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस का सहयोग नहीं मिलने से कर्मचारी क्षतिग्रस्त टावरों को भी ठीक नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में मजबूरन लोगों को दूसरी टेलीकॉम कंपनियों की ओर जाना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि किसानों को टावरों को निशाना नहीं बनाना चाहिए। इससे आम जीवन खासा प्रभावित हो रहा है।
मुख्यमंत्री की अपील का भी नहीं हुआ किसानों पर असर
मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गत शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों से टावरों को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यों से आम लोगों को असुविधा होती है। उन्होंने किसानों से संयम के साथ आंदोलन की अपील की थी, लेकिन इसके बाद भी किसानों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। सोमवार को अमरिंदर ने टावरों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही की बात कही है।
सरकार ने किसानों को 30 दिसंबर को वार्ता के लिए बुलाया
केंद्र सरकार ने सोमवार को किसानों को पत्र भेजकर 30 दिसंबर को वार्ता के लिए बुलाया है। पहले किसानों ने 29 दिसंबर को वार्ता का निर्णय किया था। पत्र में सरकार ने दावा किया कि वह खुले मन से मुद्दे के समाधान को प्रतिबद्ध है।