करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं को नहीं होगी पासपोर्ट की जरूरत, दो दिन नहीं लगेगी फीस
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई बड़ी रियायतों की घोषणा की है। खान ने ट्विटर पर लिखा कि भारत से करतारपुर आने वाले सिखों के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। उन्हें कोई वैध पहचान पत्र दिखाना होगा। साथ ही उन्हें इस यात्रा के लिए 10 दिन पहले रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा श्रद्धालुओं से उद्घाटन और गुरुनानक देव की जयंती के मौके पर 20 डॉलर की फीस नहीं ली जाएगी।
हर श्रद्धालु से 20 डॉलर की फीस लेगा पाकिस्तान
इस महीने की 12 तारीख को गुरुनानक देव की 55वीं जयंती है। इस मौके पर भारत से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब जाने के लिए कॉरिडोर बनाया गया है। पाकिस्तान इस कॉरिडोर से भारत से आने वाले हर श्रद्धालु से 20 डॉलर (लगभग 1,400 रुपये) फीस लेगा। भारत की मांग है कि यह फीस न ली जाए, लेकिन पाकिस्तान यह मांग नहीं मान रहा। पाकिस्तान ने केवल दो दिन फीस नहीं लेने का फैसला किया है।
रोजाना 5,000 श्रद्धालु जा सकेंगे करतारपुर
दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत रोजाना 5,000 तीर्थयात्री इस कॉरिडोर के जरिए करतारपुर जा सकेंगे। इसके लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी और अब पाकिस्तान ने पासपोर्ट की अनिवार्यता भी खत्म कर दी है। यह आजादी के बाद दोनों देशों के बीच बना पहला वीजा और पासपोर्ट फ्री कॉरिडोर है। पाकिस्तान भारतीय सीमा से लेकर करतापुर के बीच कॉरिडोर बना रहा है। भारत अपनी तरफ कॉरिडोर के लिए एक पुल बना रहा है।
9 नवंबर को होगा कॉरिडोर का उद्घाटन
करतारपुर कॉरिडोर का 9 नवंबर को उद्घाटन किया जाएगा। उस दिन भारत की तरफ से 575 सदस्यीय जत्था सीमा पार कर करतारपुर जाएगा। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और हमसिमरत कौर बादल इस जत्थे में शामिल होंगे। इमरान खान ने अपनी तरफ से नवजोत सिंह सिद्धू को इसमें शामिल होने का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया और वह भी इस मौके पर मौजूद होंगे।
यात्रा के लिए यहां करें रजिस्ट्रेशन
श्रद्धालुओं को इस यात्रा के लिए ऑनलाइन पोर्टल (prakashpurb550.mha.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यह पोर्टल पहले से शुरू हो चुका है। आवेदकों को मेल और मैसेज के माध्यम से यात्रा से चार दिन पहले कंफर्मेशन की जानकारी दी जाएगी। यात्रियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉराइजेशन जनरेट किया जाएगा। पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग पर पहुंचने के समय यात्रियों के पास वैध पहचान पत्र और यह अथॉराइजेशन होना जरूरी है। इस यात्रा के लिए वीजा और पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी।
अपने साथ 11,000 रुपये ले जा सकेंगे श्रद्धालु
गृह मंत्रालय ने करतापुर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनके मुताबिक, 13 साल से कम उम्र के बच्चों और 75 साल से ऊपर के बुजुर्गों को समूह में यात्रा करने को कहा गया है। इसके अलावा श्रद्धालु अपने साथ केवल 11,000 रुपये तक भारतीय मुद्रा और सात किलोग्राम तक का बैग ले जा सकते हैं। श्रद्धालु केवल करतारपुर साहिब ही जा सकेंगे, उन्हें इसके बाहर कहीं जाने की इजाजत नहीं होगी।
क्यों खास है करतारपुर साहिब?
सिख धर्म मानने वाले लोगों के लिए करतारपुर साहिब बेहद खास है। माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव 1522 में करतारपुर आए थे। उनकी जिंदगी के आखिरी 18 साल यहीं गुजरे थे। कहा जाता है कि करतारपुर में जिस जगह पर गुरु नानक देव की मौत हुई थी, वहां पर गुरुद्वारा बनाया गया था। पाकिस्तान में मौजूद करतारपुर भारत से महज चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।