वोडाफोन आईडिया को कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घाटा, एयरटेल को भी नुकसान
देश की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियां वोडाफोन आईडिया और एयरटेल भारी घाटे का सामना कर रही है। वोडाफोेन आईडिया को वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,922 करोड़ रुपये का वित्तीय घाटा हुआ है। यह भारत के कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घाटा है। पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी को 4,947 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। वोडाफोन आईडिया से पहले टाटा मोटर्स को दिसंबर, 2018 में समाप्त तिमाही के दौरान 26,961 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
कंपनी के राजस्व में भी आई कमी
इसी दौरान वोडाफोन आईडिया के राजस्व में भी कमी आई है। 30 सितंबर को खत्म हुई तिमाही में कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 11,720 करोड़ रुपये से घटकर इस साल 10,844 करोड़ रुपये रह गया है। कंपनी अब भारत में अपने कारोबार के लिए पूरी तरह सरकारी मदद पर निर्भर है। अगर सरकार कंपनी को कुछ राहत नहीं देती है तो कंपनी भारत से अपना कारोबार समेट सकती है, जिससे कई लोगों की नौकरियां जाने के आसार है।
एयरटेल भी कर रही भारी घाटे का सामना
वोडाफोन आईडिया के अलावा भारती एयरटेल को भी घाटे का सामना करना पड़ा है। जुलाई-सितंबर की तिमाही में एयरटेल को 23,045 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा हुआ है। यह पिछले 14 सालों में कंपनी का सबसे बड़ा घाटा है। एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी को 119 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। गौरतलब है कि रिलायंस जियो और हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते टेलीकॉम कंपनियां आर्थिक परेशानियों का सामना कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भी कंपनियों पर असर
बीते महीने सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को सरकार के बकाये 92,641 करोड़ रुपये के भुगतान का आदेश दिया था। इस फैसले के तहत वोडाफोन आईडिया को 28,300 करोड़ रुपये और एयरटेल को 21,700 करोड़ सरकार को देने हैं। इनके अलावा इस सेक्टर से जा चुकी कंपनियों को भी उनके बकाये का भुगतान के निर्देश दिए गए थे। इस फैसले से टेलीकॉम कंपनियां खुश नहीं थी और उन्होंने सरकार से राहत की मांग की थी।
भारत में कारोबार समेटने पर विचार कर रही वोडाफोन?
कुछ दिन पहले खबरें आई थीं कि सरकारी राहत नहीं मिलने की सूरत में वोडाफोन भारत में अपने कारोबार को बंद कर सकती है। कंपनी के CEO निक रीड ने कहा था कि भारत में कंपनी की स्थिति गंभीर बनी हुई है। वहीं तिमाही के नतीजे घोषित होने से एक दिन पहले आदित्य बिड़ला समूह ने कहा था कि अगर सरकार राहत नहीं देती है तो वह कंपनी में और निवेश नहीं करेगा। इससे वोडाफोन आईडिया दिवालिया हो सकती है।
इन वजहों से मुश्किलों में हैं वोडाफोन
रीड ने कहा कि कड़े नियमों के चलते कंपनी आर्थिक परेशानी से पहले ही जूझ रही थी। उसके बाद टैक्स की ऊंची दरों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कंपनी के लिए हालात और खराब कर दिए हैं।