Page Loader
किसान प्रदर्शनों पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की प्रतिक्रिया, स्थिति को चिंताजनक बताया

किसान प्रदर्शनों पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की प्रतिक्रिया, स्थिति को चिंताजनक बताया

Dec 01, 2020
01:03 pm

क्या है खबर?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया दी है। हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए ट्रूडो ने कहा कि 'स्थिति चिंताजनक बनी हुई है' और कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के बचाव में आवाज उठाता रहेगा। 48 वर्षीय ट्रूडो पहले वैश्विक नेता हैं, जिन्होंने दिल्ली में चल रहे किसान प्रदर्शनों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।

पृष्ठभूमि

क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?

मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।

बयान

ट्रूडो ने क्या कहा है?

गुरू नानक की 551वीं जयंती के मौके पर आयोजित एक ऑनलाइन इवेंट में बोलते हुए ट्रूडो ने कहा, "भारत से किसानों के प्रदर्शनों की खबर आ रही है। स्थिति चितांजनक बनी हुई है और हम सब परिवारों और दोस्तों को लेकर चिंतित हैं। मैं जानता हूं कि यह आप में से कई के लिए सच्चाई होगी। मैं याद दिला दूं कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार की रक्षा के लिए खड़ा होगा।"

बयान

हमने हमारी चिंताएं भारत सरकार से साझा की है- ट्रूडो

ट्रूडो ने आगे कहा, "हम बातचीत के महत्व में भरोसा रखते हैं और इसीलिए हमने कई माध्यमों से हमारी चिंताएं भारत की सरकार के सामने रखी है। यह हम सब के लिए साथ मिलकर चलने का समय है। उनका बयान आप नीचे सुन सकते हैं।

इंस्टाग्राम पोस्ट

यहां सुनिये ट्रूडो का पूरा बयान

बयान

ट्रूडो के मंत्री भी दे चुके प्रतिक्रिया

ट्रूडो से पहले कनाडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह भी किसान आंदोलनों पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। किसानों के प्रदर्शन की एक खबर को रिट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था- 'भारत में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर क्रूरता दिखाना परेशान करने वाला है। मेरे क्षेत्र के कई लोगों के परिवार वहां हैं और उन्हें अपने लोगों की चिंता है। स्वस्थ लोकतंत्र शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत देते हैं। मैं इस मूलभूत अधिकार की रक्षा की अपील करता हूं।'

भारत

किसानों ने स्वीकारा सरकार का आमंत्रण

दूसरी तरफ दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों ने सरकार का बातचीत का आमंत्रण स्वीकार लिया है। केंद्र सरकार ने सोमवार को 32 किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था। किसानों और सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के बीच आज तीन बजे विज्ञान भवन में बैठक होगी। किसान नेताओं का कहना है कि वो बैठक में सभी किसानों संगठनों को बातचीत में शामिल करने और पूरे देश के किसानों के लिए राहत की मांग करेंगे।