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'ऑपरेशन सिंदूर' पर प्रेस कॉन्फ्रेंस: महिला सैन्य अफसरों ने बताई एक-एक मिनट की पूरी कहानी
'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर सेना और विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की (तस्वीर-एक्स/@sidhant)

'ऑपरेशन सिंदूर' पर प्रेस कॉन्फ्रेंस: महिला सैन्य अफसरों ने बताई एक-एक मिनट की पूरी कहानी

लेखन आबिद खान
May 07, 2025
11:14 am

क्या है खबर?

'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पहली बार सेना से एक मुस्लिम अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी और एक हिंदू महिला अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहीं। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, "पहलगाम हमले का उद्देश्य यह था कि जम्मू-कश्मीर के विकास और प्रगति को रोककर पिछड़ा बनाए जाए और सीमा पार पाकिस्तान के लिए उपजाऊ बनाए रखने के लिए मदद की जाए।"

सेना

रात 1:05 से 1:30 मिनट के बीच हुआ हमला- सेना

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, "रात 1:05 मिनट और 1:30 मिनट के बीच ऑपरेशन हुआ था। पाकिस्तान में 3 दशकों से आतंकवादियों का निर्माण हो रहा है। पाकिस्तान और POK में 9 लक्ष्य पहचाने गए थे और इन्हें हमने तबाह कर दिया। लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स को निशाना बनाया गया।" दोनों अफसरों ने सेना द्वारा तबाह किए गए हर लक्ष्य से जुड़ी अन्य जानकारी भी दी।

नागरिक

सेना बोली- हमले के दौरान नागरिकों का ध्यान रखा गया

सेना ने कहा, "खूफिया सूचनाओं के आधार पर लक्ष्य तय किए गए। आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं पर हमला किया गया। पाकिस्तान और POK दोनों जगहों पर हमला किया गया। हमने नागरिकों और सैन्य ठिकानों को नुकसान नहीं पहुंचाया। हमने जैश और लश्कर-ए-तैयबा के शिविरों को निशाना बनाया। 9 जगहों पर 21 ठिकानों पर हमला किया गया। पाकिस्तान में सियालकोट पर हमला किया गया। यहां के सरजल में हिजुब्ल मुजाहिदीन का शिविर था।"

लक्ष्य

सेना ने किन-किन ठिकानों पर किया हमला?

सेना ने कहा, "सबसे पहले POK में सवाई नाला मुजफ्फराबाद में लश्कर का प्रशिक्षण केंद्र था। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहा प्रशिक्षण लिया था। सैयदना बिलाल कैंप मुजफ्फराबाद में हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल का प्रशिक्षण दिया जाता था। कोटली गुरपुर कैंप लश्कर का है। पुंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हुए हमले के आतंकियों ने यहां प्रशिक्षण लिया था। अब्बास कैंप कोटली LOC से 13 किलोमीटप दूर है। यहां फिदायीन तैयार होते हैं।"

बयान

मिस्री बोले- हमलावरों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी

मिस्री ने कहा, "भारत सरकार ने पाकिस्तान के संबंधों को लेकर कुछ कदम उठाए। यह जरूरी है कि 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी था। वो इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहे हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली कि और हमले कर सकते हैं। इन्हें रोकना जरूरी था।" विदेश सचिव ने कहा कि पहलगाम हमले में TRF का हाथ है।

जानकारी

एक दशक में 350 से ज्यादा नागरिक आतंकवाद का शिकार हुए- सेना

सेना ने कहा, "पिछले एक दशक में 350 से अधिक नागरिक सीमा पार से प्रेरित आतंकवाद का शिकार हुए हैं और 800 से अधिक घायल हुए हैं। इस दौरान 600 से ज्यादा जवानों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि 1,400 से अधिक घायल हुए हैं।"

ऑपरेशन

भारत ने कैसे किया हमला? 

भारतीय वायुसेना ने आधी रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के भीतर 24 मिसाइलें दागीं। हमले में 7 शहरों के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। खबर है कि इसमें 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। भारत ने इसे 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया है, जो उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पतियों की पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में मौत हो गई थी।