
पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में शामिल करवाने का प्रयास करेगा भारत
क्या है खबर?
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को रोकना, वीजा जारी करने पर रोक लगाना और हवाई क्षेत्र बंद करने जैसे कदम शामिल हैं।
अब भारत पाकिस्तान पर आर्थिक चोट करने के इरादे से 2 और बड़े कदम उठा सकता है।
भारत का पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ग्रे सूची में शामिल करवाना चाहता है। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक झटका लगेगा।
रिपोर्ट
पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में शामिल कराएगा भारत
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मामले की जानकारी रखने वाले 2 सूत्रों ने कहा कि भारत का पहला कदम पाकिस्तान को वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण निगरानी संस्था FATF की 'ग्रे लिस्ट' में वापस लाने के लिए ठोस प्रयास करना है।
अगर पाकिस्तान FATF की ग्रे सूची में शामिल किया जाता है तो इससे उसके विदेशी निवेश और पूंजी प्रवाह पर बड़ा असर पड़ेगा, क्योंकि कोराबारियों को ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी और उस पर निगरानी बढ़ जाएगी।
दूसरा कदम
पाकिस्तान के खिलाफ ये दूसरा कदम भी उठा सकता है भारत
भारत का दूसरा कदम यह है कि वह मई में होने वाली अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की बोर्ड की आगामी बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ आपत्ति जताने पर विचार कर रहा है।
जुलाई, 2024 में IMF ने पाकिस्तान के साथ 3 साल के लिए 7 बिलियन डॉलर के सहायता पैकेज पर सहमति जताई थी। भारत इसके विरोध में तर्क देगा कि पाकिस्तान इस पैसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करता है।
कोशिश
पाक को ग्रे सूची में शामिल करवाने के लिए क्या करना होगा?
पाकिस्तान को ग्रे सूची में शामिल करवाने के लिए भारत को सदस्य देशों का समर्थन जरूरी होगा।
FATF में 40 देश हैं। पहलगाम हमले के बाद इनमें से 23 ने भारत को संदेश भेज संवेदना व्यक्त की थी।
इंडियन एक्सप्रेस से एक अधिकारी ने कहा, "FATF में पाकिस्तान के लिए 'ग्रे सूची' की मांग पर विचार किया जा रहा है। नामांकन प्रक्रिया में और सदस्य मामले को उठाने को कह सकते हैं, जिसे प्लेनरी द्वारा अनुमोदित किया जा सकता है।"
ग्रे सूची
अगर पाकिस्तान ग्रे सूची में शामिल हुआ तो क्या होगा?
अगर पाकिस्तान को ग्रे सूची में शामिल किया गया तो उसे विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आर्थिक सहायता मिलना बंद हो जाएगी।
विदेश से आने वाला निवेश भी कम हो जाएगा, जिससे व्यापार बुरी तरह से प्रभावित होगा।
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
वित्तीय संस्थानों और देशों से ऋण प्राप्त करने में समस्या आएगी।
जून, 2018 से अक्टूबर, 2022 तक पाकिस्तान FATF की ग्रे सूची में रह चुका है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
FATF वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण की निगरानी करता है, जिसकी स्थापना 1989 में G-7 देशों की पेरिस में आयोजित बैठक में की गई थी।
इसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के उपायों की जांच करना है।
इसका सचिवालय पेरिस में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) मुख्यालय में स्थित है।
भारत 2010 से FATF का सदस्य है, लेकिन पाकिस्तान इसका सदस्य नहीं है।
FATF साल में 3 बार ग्रे और ब्लैक सूची जारी करता है।