लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद PoK की सीटों पर चुनाव चाहती है भाजपा
लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत और जम्मू-कश्मीर में शानदार प्रदर्शन से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में चुनाव कराने की मुहिम चलाने जा रही है। भाजपा की योजना PoK से इधर आए विस्थापित लोगों को वोटिंग अधिकार देने और उनके वोटों के हिसाब से PoK की सीटों का चुनाव परिणाम घोषित करने की है। वह ऐसा करने के लिए चुनाव आयोग से मांग करेगी। पूरा मामला क्या है, आइए जानते हैं।
पाकिस्तान और चीन के कब्जे में 24 विधानसभा सीटें
बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 111 सीटें हैं, जिसमें से कुल 87 पर मतदान होता है। पाकिस्तान और चीन के कब्जे वाली 24 विधानसभा सीटों को आरक्षित करते हुए खाली छोड़ा जाता है।
लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा
भाजपा की योजना इन 24 में से 8 सीटों पर चुनाव कराने की है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर की 6 लोकसभा सीटों में से 3 पर भाजपा ने जीत दर्ज की और 87 में से 28 विधानसभा सीटों पर उसे बढ़त हासिल हुई। इससे उत्साहित पार्टी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत और सरकार बनाने के लिए जमकर तैयारी कर रही है और PoK की 8 सीटों पर चुनाव कराने की मांग इसी योजना का हिस्सा है।
इस तरीके से चुनाव चाहती है भाजपा
भाजपा की मांग है कि PoK से विस्थापित होकर नियंत्रण रेखा (LoC) के इस तरफ आने वाले लोगों को मतदान का अधिकार दिया जाए। जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से बातचीत करते हुए कहा, "PoK की एक तिहाई जनसंख्या LoC के इस पार आ चुकी है। हम मांग करते हैं कि इन विस्थापित लोगों को राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व देने के लिए कम से कम 8 सीटों पर चुनाव कराया जाए। "
PoK से आए कितने लोग?
PoK से विस्थापित लोगों की मदद करने वाले संगठन SOS इंटरनेशनल के चेयरमैन राजीव चूनी के अनुसार, 1947 के बाद PoK से लगभग 3 लाख लोग LoC के इस तरफ आए थे और अब ये संख्या 12-13 लाख है।
कश्मीरी पंडितों को लेकर की ये मांग
जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की अपनी इस योजना के तहत भाजपा PoK की सीटों पर चुनाव के अलावा कश्मीरी पंडितों के लिए वोटिंग से पहले 'M फॉर्म' भरने की अनिवार्य प्रक्रिया को खत्म करने की मांग करेगी। बता दें कि जब भी राज्य में चुनाव होते हैं तो जम्मू या देश के किसी भी अन्य हिस्से में रह रहे कश्मीरी पंडितों को 'M फॉर्म' के जरिए अपनी विधानसभा सीट पर खुद को रजिस्टर्ड कराना होता है।
अभी क्या है जम्मू-कश्मीर का चुनावी गणित?
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अभी भाजपा के पास 25, महबूबा मुफ्ती की PDP के पास 28, उमर अब्दुल्ला की NC के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 सीटें हैं। भाजपा-PDP गठबंधन की सरकार गिरने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है और चुनाव आयोग वहां कभी भी चुनाव करा सकता है। अगर लोकसभा सीटों की बात करें तो कश्मीर की तीनों सीटों पर NC और जम्मू की तीनों सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
कैसे पाकिस्तान और चीन के कब्जे में गया कश्मीर का हिस्सा?
1947 में आजादी के समय कश्मीर के राजा हरि सिंह ने स्वतंत्र रहने का फैसला किया था। लेकिन जब पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण किया तो हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी। देश में शामिल होने पर भारत सरकार ने उसकी मदद की और पाकिस्तानियों को LoC तक खदेड़ दिया। संघर्ष विराम के बाद ये हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में ही रह गया। वहीं, चीन ने 1962 के युद्ध में भारत के कुछ हिस्सों पर कब्जा किया था।