
बिलावल भुट्टो ने स्वीकार की आतंकवाद से संबंध की बात, कहा- पाकिस्तान का एक अतीत है
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के आतंकवादियों से संबंध फिर से सामने आ गए हैं।
पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवादी समूहों को समर्थन और वित्तपोषण में अपनी भूमिका स्वीकार की थी और अब पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी इस पर मुहर लगा दी है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से संबंध में पाकिस्तान का अतीत रहा है और उन्हें इसका भुगतान भी भुगतना पड़ा है।
बयान
भुट्टो ने क्या दिया बयान?
भुट्टो ने स्काई न्यूज से कहा, "जहां तक रक्षा मंत्री (ख्वाजा आसिफ) ने कहा है, मुझे नहीं लगता कि यह कोई रहस्य है कि पाकिस्तान का एक अतीत है। नतीजतन, हमने इसके परिणाम भुगते हैं, पाकिस्तान ने भुगते हैं। हम चरमपंथ की एक के बाद एक लहरों से गुजरे हैं, लेकिन हमने जो झेला है, उसके परिणामस्वरूप हमने अपने कई सबक भी सीखे हैं। हमने इस समस्या को पूरी तरह से खत्म करने के लिए आंतरिक सुधार किए हैं।"
दावा
पाकिस्तान का आतंकवाद के साथ इतिहास निर्विवाद है- भुट्टो
भुट्टो ने जोर दिया कि पाकिस्तान का आतंकवाद के साथ इतिहास निर्विवाद है, लेकिन यह एक ऐसा अध्याय है जिससे देश अब आगे निकल चुका है।
उन्होंने कहा, "जहां तक पाकिस्तान के इतिहास का सवाल है, यह इतिहास है और यह ऐसा कुछ नहीं है जिसमें हम आज हिस्सा ले रहे हैं। यह सच है कि यह हमारे इतिहास का एक दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा है, लेकिन हम आतंकवाद के मुद्दे को सुधारने के सख्त प्रयास भी कर रहे हैं।"
स्वीकारोक्ति
रक्षा मंत्री आसिफ ने भी दिया था ऐसा बयान
इससे पहले 25 अप्रैल को स्काई न्यूज पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ से पूछा गया था कि क्या आतंकी संगठनों को वित्त पोषित करने और प्रशिक्षण देने का पाकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है?
इस पर उन्होंने कहा था कि "हम यह गंदा काम अमेरिका के लिए पिछले 3 दशक से कर रहे हैं। वो एक बड़ी गलती थी और अब हम इसके कारण भुगत भी रहे हैं।" अब भुट्टो के बयान ने इसकी पुष्टि कर दी है।
हमला
कैसे हुआ पहलगाम में आतंकी हमला?
22 अप्रैल को पहलगाम के एक रिसॉर्ट में 4 आतंकवादियों ने गोलीबारी की। यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक खच्चर की सवारी का आनंद ले रहे थे। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई।
इस हमले से पूरा देश स्तब्ध है तथा भारत और विदेशों में इसकी कड़ी निंदा की है।
यह देश में पिछले दो दशकों में हुए सबसे घातक नागरिक हमलों में से एक है। सुरक्षा बल आतंकियों की तलाश में जुटे हैं।
सख्ती
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए कई सख्त कदम
पहलगाम हमले के बाद हुई सुरक्षा कैबिनेट की एक विशेष बैठक में सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा सलाहकारों को अवांछित घोषित कर उन्हें देश छोड़ने का आदेश देने और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में अपने कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया है।
इसी तरह पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द करने और वाघा सीमा को बंद करने का भी फैसला किया है।