
पूर्वोत्तर भारत के राज्यों पर कब्जा करने के बयान पर बांग्लादेश की सफाई, जानिए क्या कहा
क्या है खबर?
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।
इसको देखते हुए बांग्लादेश के पूर्व प्रमुख मेजर जनरल एएलएम फजलुर रहमान (सेवानिवृत्त) ने विवादित बयान देकर तनाव बढ़ा दिया है।
उन्होंने मुहम्मद यूनुस सरकार को सलाह दी है कि अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है तो बांग्लादेश को चीन के साथ मिलकर उसके पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जा करना चाहिए।
हालांकि, अब यूनुस सरकार इस बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया है।
बयान
रहमान ने क्या दिया था बयान?
अंतरिम सरकार में यूनुस के करीबी सहयोगी रहमान ने कहा था, "अगर भारत पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान पर हमला करता है, तो बांग्लादेश को पूर्वोत्तर भारत के 7 राज्यों पर कब्जा कर लेना चाहिए। इस संबंध में चीन के साथ संयुक्त सैन्य अभियान पर चर्चा शुरू करना आवश्यक है।"
बता दें कि रहमान को दिसंबर 2024 में साल 2009 के बांग्लादेश राइफल्स विद्रोह में हत्याओं की जांच के लिए गठित आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
सफाई
बांग्लादेश ने बयान को लेकर दी सफाई
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि रहमान की टिप्पणी सरकार की स्थिति या नीतियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। सरकार किसी भी रूप में इस तरह की बयानबाजी का समर्थन नहीं करती है।
मंत्रालय ने सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया है कि वे रहमान द्वारा व्यक्त किए गए व्यक्तिगत विचारों को राज्य से न जोड़ें। बांग्लादेश संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, आपसी सम्मान और सभी देशों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।
खारिज
यूनुस के प्रेस सहालहकार ने बयान को बताया निजी राय
अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस के प्रेस सलाहकार शफीकुल आलम ने भी रहमान की टिप्पणी को उनकी निजी राय बताकर खारिज कर दिया है।
आलम ने कहा कि ये टिप्पणियां सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।
भारत सरकार ने अभी तक इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह घटना यूनुस की विवादास्पद "चिकन नेक" टिप्पणी के बाद आई है, जिस पर भारत सरकार के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।