भारतीय कारोबारी ने पेश की इंसानियत की मिसाल, गरीबी से त्रस्त पाकिस्तानी जिले में लगवाए हैंडपम्प
भारत-पाकिस्तान के खराब रिश्तों के बीच एक भारतीय कारोबारी ने इंसानियत और भारतीयता की शानदार मिसाल पेश की है। दुबई में रहने वाले इस कारोबारी ने गरीबी से जूझ रहे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के एक जिले में 60 से ऊपर हैंडपम्प लगवाए हैं। उन्होंने लोगों को अनाज को बोरियां भी भेजीं। जिस समय पुलवामा हमले के कारण भारत-पाकिस्तान में तनाव चल रहा था, जोगिंदर सिंह सलारिया नामक ये कारोबारी पाकिस्तान के गरीब लोगों की मदद कर रहे थे।
सोशल मीडिया के जरिए पता चली जिले की दुर्दशा
जोगिंदर साल 1993 से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रह रहे हैं और वहां ट्रांसपोर्ट का कारोबार करते हैं। उन्हें सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थारपरकर जिले की दुर्दशा के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने फेसबुक और यूट्यूब जैसी नेटवर्किंग साइट्स के जरिए स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं से संपर्क किया। इसके बाद इलाके में करीब 62 हैंडपम्प लगे, जिनकी पूरी फंडिंग उन्होंने की है। उन्होंने लोगों के लिए अनाज को बोरियां भी भिजवाईं।
थारपरकर के 87 प्रतिशत लोग गरीब
UAE के अंग्रेजी अखबार 'खलीज टाइम्स' की एक रिपोर्ट के अनुसार, थारपरकर जिला सामाजिक और आर्थिक विकास के मामले में पूरे पाकिस्तान के सबसे खराब इलाकों में शामिल हैं। यहां के 87 प्रतिशत लोग गरीब हैं और इसमें कोई सुधार नहीं आ रहा है। जोगिंदर ने अखबार को बताया कि उन्होंने हफ्तों और महीनों थारपरकर के लोगों की दुर्दशा पर रिसर्च की। भियाल खांगड़ नामक सामाजिक कार्यकर्ता ने उनकी इस पूरी परियोजना का कार्य संभाला।
इधर बढ़ रहा था दोनों देशों में तनाव, उधर हैंडपम्प लगवा रहे थे जोगिंदर
जोगिंदर ने बताया, "गांवों में बहुत कम सड़कें हैं। सबसे नजदीक अस्पताल 50 किलोमीटर दूर है और लोगों को मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए 25 किमी पैदल चलना पड़ता है। स्कूल भी बहुत बुरी हालत में हैं। ज्यादातर बच्चे स्कूलों की कमी और पहुंच और मौके की कमी के कारण स्कूल नहीं जा पाते।" उन्होंने कहा, "जब पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, हम इन गरीब गांवों में हैंडपम्प लगा रहे थे।"
पुलवामा हमले के बाद बन गए थे युद्ध जैसे हालात
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हमले में 40 CRPF जवान शहीद हुए थे। भारत ने इसका जवाब 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक करके दिया। अगले दिन दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच हवाई झड़प हुई, जिसमें भारत के अभिनंदन वर्तमान का विमान PoK में गिर गया। 3 दिन बाद पाकिस्तानी कैद से उनकी भारत वापसी से दोनों देशों के बीच बने युद्ध जैसे हालात टले।