संसद में बोले राजनाथ सिंह- कश्मीर भारत के गौरव का विषय, मध्यस्थता का सवाल ही नहीं
कश्मीर विवाद में मध्यस्थता पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे पर जारी राजनीतिक घमासान के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को संसद में कहा कि कश्मीर भारत के लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय है और इस पर कभी भी समझौता नहीं हो सकता। इस बीच उन्होंने इस बात से इनकार किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रम्प के बीच ओसाका में कश्मीर मुद्दे को लेकर कोई बातचीत हुई थी।
राजनाथ ने कहा, शिमला समझौते के खिलाफ है मध्यस्थता
कश्मीर पर मध्यस्थता की किसी भी संभावना से इनकार करते हुए राजनाथ ने लोकसभा में कहा, "जैसा कि एस जयशंकर (विदेश मंत्री) ने कहा, राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में कश्मीर मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। कश्मीर विवाद में मध्यस्थता का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि ये शिमला समझौते के खिलाफ होगा।" बता दें कि सोमवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने संसद के दोनों सदनों में ट्रम्प के दावे को खारिज किया था।
ट्रम्प और मोदी के बीच नहीं हुई कश्मीर मुद्दे पर कोई बातचीत- राजनाथ सिंह
"कश्मीर पर नहीं होगा कोई समझौता"
राजनाथ ने आगे कहा, "कश्मीर हमारे लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय है। हम कभी भी इससे समझौता नहीं कर सकते। अगर पाकिस्तान के साथ कश्मीर पर कोई भी बातचीत होगी, तो इसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) भी शामिल होगा।"
विपक्ष ने की प्रधानमंत्री के बयान की मांग
इस बीच विपक्ष ने आज भी संसद के दोनों सदनों में मुद्दे को लेकर हंगामा किया और प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग की। कांग्रेस के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "1971 में युद्ध के बाद और फिर शिमला समझौते में हमने कुछ शर्तें तय की थी कि भारत और पाकिस्तान इस पर द्विपक्षीय स्तर पर चर्चा कर सकते हैं। इसलिए हम प्रधानमंत्री मोदी के मुंह से सुनना चाहते हैं कि ट्रम्प ने झूठ बोला या नहीं।"
कांग्रेस ने किया लोकसभा से वॉकआउट
प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग को लेकर कांग्रेस सांसद लोकसभा से वॉकआउट कर गए। ट्रम्प का बयान सामने आने के बाद से ही कांग्रेस इस रणनीति पर काम कर रही है और लगातार संसद में प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रही है।
क्या कहा था ट्रम्प ने?
सोमवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ प्रेस वार्ता करते हुए ट्रम्प ने कहा था, "मैं दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी के साथ था। हमने इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं मध्यस्थ बनना चाहूंगा? मैंने पूछा- कहा? उन्होंने कहा- कश्मीर। क्योंकि ये काफी सालों से चल रहा है।" उन्होंने इमरान से कहा था कि वह प्रधानमंत्री मोदी से बात करके देखेंगे कि मुद्दे पर क्या हो सकता है।
ट्रम्प के अहम सलाहकार ने कहा, अपने मन से बातें नहीं बनाते राष्ट्रपति
बयान पर हंगामे के बाद अमेरिकी प्रशासन ने डैमेज कंट्रोल करते हुए कहा था कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और वो भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता में सहयोग करना चाहेंगे। वहीं ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के एक सांसद ने उनके इस बयान के लिए माफी मांगी थी। इस बीच ट्रम्प के एक अहम सलाहकार ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति अपने मन से बातें नहीं बनाते हैं। ट्रम्प ने खुद अपने बयान पर कोई सफाई नहीं दी है।