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दिल्ली विधानसभा में पारित हुआ स्कूलों के लिए फीस विनियमन विधेयक, AAP के संशोधन खारिज
दिल्ली विधानसभा में पारित हुआ स्कूलों के लिए फीस विनियमन विधेयक 2025

दिल्ली विधानसभा में पारित हुआ स्कूलों के लिए फीस विनियमन विधेयक, AAP के संशोधन खारिज

Aug 08, 2025
10:49 pm

क्या है खबर?

दिल्ली की भाजपा सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 पारित करा दिया है। यह राष्ट्रीय राजधानी की भाजपा सरकार का पहला विधेयक है, जिसका उद्देश्य मान्यता प्राप्त निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में फीस वृद्धि को नियंत्रित करना है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 4 घंटे की लंबी बहस के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया गया। आइए पूरी खबर पर नजर डालते हैं।

खारिज

AAP के 8 संशोधन खारिज

आम आदमी पार्टी (AAP) ने विधेयक में 8 संशोधन प्रस्तावित किए थे, लेकिन मतदान के दौरान सभी को खारिज कर दिया गया। मत विभाजन में सत्तारूढ़ भाजपा के 41 विधायक और AAP के 17 विधायक मौजूद थे। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने ऐलान किया कि विधानसभा में पारित हुए इस विधेयक के कानून बनने से पहले मंजूरी के लिए अब दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पास भेजा जाएगा।

आरोप

AAP ने लगाए ये आरोप 

AAP नेता आतिशी ने कहा, "भाजपा द्वारा विधानसभा में निजी स्कूलों की फीस को लेकर पारित विधेयक अभिभावकों के पक्ष में नहीं है। यह पूरी तरह से निजी स्कूलों के पक्ष में है। इसमें ऑडिट का कोई प्रावधान नहीं है।" उन्होंने कहा, "फीस समिति में केवल 5 अभिभावक होंगे, जिनका चयन लॉटरी द्वारा किया जाएगा और वे 2 साल से अधिक समय तक समिति में नहीं रह सकते हैं। ऐसे में यह विधेयक फीस पर लगाम नहीं कस पाएगा।"

प्रावधान

शिकायत के लिए 15 प्रतिशत अभिभावकों का होना जरूरी

आतिशी ने कहा, "विधेयक में दिए गए प्रावधानों के तहत किसी भी स्कूल के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए कम से कम 15 प्रतिशत अभिभावकों (लगभग 300 से 500 लोग) को एक साथ आना होगा। इसके बिना फीस संबंधी शिकायत भी दर्ज नहीं की जा सकेगी।" उन्होंने कहा, "AAP ने ऑडिट के लिए संशोधन प्रस्तावित किए, 15 प्रतिशत वाले खंड को हटाया और अदालत तक पहुंच बनाए रखी, लेकिन भाजपा विधायकों ने सभी के खिलाफ मतदान किया।"

बयान

52 साल का लंबा इंतजार खत्म- गुप्ता

विधेयक के पारित होने पर संतोष व्यक्त करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "दिल्ली में अभिभावकों का 52 साल पुराना वनवास आज समाप्त हो गया। 1973 के बाद पहली बार दिल्ली में ऐसी सरकार बनी है जिसने सभी अभिभावकों के साथ पारदर्शी तरीके से न्याय करने और उन्हें राहत पहुंचाने का साहस किया। विस्तृत चर्चा के बाद आज यह विधेयक पारित हो गया है।" बता दें कि शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने यह विधेयक पेश किया था।

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