अग्निपथ योजना के विरोध के बीच आज तीनों सैन्य प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
'अग्निपथ योजना' के जबरदस्त विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में तीनों प्रमुख प्रधानमंत्री को योजना के बारे में बताएंगे। अग्निपथ योजना जारी होने के बाद ये पहली बार होगा जब सैन्य प्रमुख प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। इससे पहले वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ समीक्षा बैठक कर चुके हैं जिसमें योजना को वापस न लेने का निर्णय लिया गया था।
कुछ फैसले अनुचित लग सकते हैं, लेकिन राष्ट्र निर्माण के लिए जरूरी- प्रधानमंत्री
इससे पहले कल इशारों-इशारों में अग्निपथ योजना के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कुछ फैसले शुरुआत में अनुचित लग सकते हैं, लेकिन बाद में ये राष्ट्र निर्माण में मदद करते हैं। युवाओं पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "सुधारों का रास्ता ही हमें नए लक्ष्यों की तरफ ले जा सकता है। हमने युवाओं के लिए रक्षा और अंतरिक्ष का सेक्टर खोला है, जिनमें दशकों तक सरकार का एकाधिकार था।"
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
इन राज्यों में योजना का सबसे अधिक विरोध, बिहार में ट्रेनें फूंकी गईं
अग्निपथ योजना के खिलाफ जिन राज्यों में प्रदर्शन हुआ है, उनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना और केरल आदि शामिल हैं। सबसे ज्यादा हिंसा बिहार और उत्तर प्रदेश में हुई है। बिहार में तो कई ट्रेनों को फूंक दिया गया है और युवाओं की तोड़फोड़ और आगजनी से रेलवे को 700 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। कई जगहों पर युवाओं के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई हैं।
सरकार और सेना ने किया योजना वापस लेने से इनकार
युवाओं के इस विरोध के बावजूद सरकार और सेना ने योजना को वापस लेने से इनकार कर दिया है। रविवार को रक्षा मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अब से सेना में सभी भर्ती अग्निपथ योजना के तहत ही होंगी। उन्होंने योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं को भी चेताया और कहा कि भर्ती में सभी उम्मीदवारों को प्रदर्शन या हिंसा में हिस्सा नहीं होने का शपथ पत्र देना होगा।
सेना ने जारी की अग्निवीर भर्ती की अधिसूचना
सेना ने आनन-फानन में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की अधिसूचना भी जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी और नौकरी करने के इच्छुक युवाओं को वेबसाइट पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इससे पहले रविवार को भारतीय वायुसेना ने अधिसूचना जारी की थी। इसमें 'अग्निवीरों' के लिए आवश्यक योग्यता, वेतन और भत्ते, सालाना छुट्टी, प्रशिक्षण सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई थीं।