
अग्निवीरों के लिए कौशल आधारित कोर्स शुरू करेगा शिक्षा मंत्रालय, IGNOU के साथ होगा समझौता
क्या है खबर?
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय तीन वर्ष का एक स्पेशल कौशल आधारित ग्रेजुएशन कोर्स कराएगा।
इस संबंध में बुधवार को घोषणा करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि ये डिग्री इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के जरिए दी जाएगी और जल्द ही तीनों सेनाओं, सेना, नौसेना और वायु सेना, और IGNOU के बीच मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन किया जाएगा।
अंक
कौशल प्रशिक्षण के होंगे 50 प्रतिशत अंक
इस डिग्री को IGNOU ने डिजाइन किया है जिसके तहत ग्रजुएशन की डिग्री के लिए 50 अंक कौशल प्रशिक्षण से प्राप्त होंगे। यह अंक कार्यकाल के दौरान अग्निवीरों के तकनीकी और गैर-तकनीकी अनुभव के आधार पर तय किए जाएंगे।
इसके अलावा शेष 50 प्रतिशत अंक कोर्स के विषयों के होंगे। इनमें भाषा, अर्थशास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र, गणित, वाणिज्य, व्यावसायिक अध्ययन और कृषि जैसे विषयों के अलावा अंग्रेजी में पर्यावरण अध्ययन और संचार कौशल जैसे विषय भी शामिल हैं।
कोर्स
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किया जा रहा कोर्स
अग्निवीरों के लिए IGNOU की तरफ से तैयार किया जा रहा यह ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क और राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के मानदंडों के अनुरूप है।
इसकी रूपरेखा को संबंधित नियामक निकायों, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) और UGC से मान्यता दी गई है।
डिग्री
एक साल की पढ़ाई करने पर भी मिलेगी डिग्री
अधिकारियों के मुताबिक, इस कार्यक्रम के तहत पहले वर्ष के कोर्स के सफल समापन पर ग्रेजुएशन प्रमाणपत्र, पहले और दूसरे वर्ष के पाठ्यक्रमों के सफल समापन पर ग्रेजुएशन डिप्लोमा और तीन साल की समय सीमा में सभी कोर्स के पूरा होने पर डिग्री दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसके तहत BA, BCom, BA (व्यावसायिक), BA (पर्यटन प्रबंधन) जैसे कोर्स कराए जाएंगे जिनकी रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में भारत के साथ-साथ विदेश दोनों में मान्यता होगी।
लक्ष्य
7 महीनों में 40,000 जवानों की भर्ती का लक्ष्य
जानकारी के लिए बता दें कि सेना में अग्निपथ योजना के तहत सात महीनों में 40,000 जवानों की भर्ती का लक्ष्य रखा गया है। थलसेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा है कि पहले 180 दिनों में 25,000 भर्तियां होंगी और उसके अगले महीने से 15,000 अग्निवीरों की भर्ती शुरू की जाएगी।
वहीं नौसेना और वायुसेना ने एक साल में क्रमश: 3,000 और 3,500 अग्निवीरों की भर्ती का लक्ष्य तय किया है।
वरीयता
उत्तर प्रदेश समेत चार राज्य में सेवामुक्त अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में मिलेगी वरीयता
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही तीन अन्य राज्य सरकारों ने अग्निपथ योजना से चार साल के कार्यकाल के बाद सेवामुक्त होने वाले अग्निवीरों को अपने राज्य में होने वाली पुलिस भर्ती में वरीयता देने का ऐलान किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ही इस संबंध में जानकारी दी थी। वहीं, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने भी इसकी घोषणा की है।
योजना
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना सेना की तीनों कमानों के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इसमें युवाओं को सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में सेवा करने का मौका दिया जाएगा।
इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा।
इसके बाद योग्यता, इच्छा और चिकित्सा फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा।