झारखंड: रोपवे हादसे में 2 लोगों की मौत, 20 घंटे से हवा में अटके 36 लोग
झारखंड के देवघर में केबल ट्रॉलियों के टकराने से हुए रोपवे हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है, वहीं 36 लोग लगभग 20 घंटे से हजारों फुट ऊपर हवा में लटके हुए हैं। पहले 48 लोग फंसे हुए थे, लेकिन घंटों की मशक्कत के बाद 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सेना, वायुसेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) मिल कर बचाव अभियान चला रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
कैसे हुआ हादसा?
ये हादसा देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकूट पहाड़ियों पर हुआ। रविवार शाम को यहां रामनवमी के मौक पर सैकड़ों श्रद्धालु पूजा करने पहुंचे थे। इसी दौरान कुछ ट्रॉलियां अपनी जगह बदलकर एक-दूसरे से टकरा गईं और उनमें बैठे कुछ लोग घायल हो गए। इस हादसे की वजह से पूरा रोपवे बंद करना पड़ा और अन्य ट्रॉलियां और उनमें बैठे लोग भी फंस गए।अधिकारियों के अनुसार, 12 ट्रॉलियों में बैठे कुल 48 लोग फंसे गए थे।
बचाव अभियान में लगे वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टर्स
घटना की जानकारी मिलने पर पहले NDRF ने बचाव अभियान चलाया और फिर सेना और वायुसेना भी इसमें शामिल हो गए। अभी वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टर बचाव कार्य में लगे हुए हैं, लेकिन तारों के जाल के कारण उन्हें अभियान चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हेलीकॉप्टर्स की पंखुड़ियों की तेज हवा से ट्रॉलियों के हिलने से भी समस्याएं आईं। इन समस्याओं के कारण बचाव अभियान को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा।
2,500 फुट की ऊंचाई पर फंसे हुए हैं लोग, खाना पहुंचाने की कोशिश
बता दें कि ट्रॉलियां जमीन से लगभग 2,500 फुट की ऊंचाई पर हैं और इनमें बैठे हुए लोगों की जान हलक में अटकी हुई है। लोग एक-दूसरे से बात करके खुद के डर को खत्म करने और हौंसला बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। बचावकर्मियों ने ड्रोन्स के जरिए लोगों को खाना पहुंचाने की कोशिश भी की, हालांकि फिर भी कुछ लोगों तक खाना नहीं पहुंच पाया। ऊंचाइयों को देखते हुए जमीन पर सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए हैं।
रोपवे का संचालन करने वाली कंपनी को किया ब्लैक लिस्ट
झारखंड के पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि रोपवे का संचालन करने वाली दामोदर वैली कॉर्पोरेशन को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। दुर्घटना कैसे हुई, इसकी भी जांच की जा रही है। बचाव अभियान पर निगरानी रखने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र जाट मौके पर मौजूद हैं। इलाके के सांसद डॉ निशिकांत दुबे भी बचाव अभियान पर नजर रख रहे हैं। पर्यटकों के लिए एक वैकल्पिक सड़क बना ली गई है।