अग्निपथ योजना: नियुक्ति के चार साल बाद अग्निवीरों को क्या-क्या फायदे मिलेंगे?
केंद्र सरकार ने मंगलवार को भारतीय सेना में 'अग्निपथ' योजना का ऐलान किया है। इसमें युवाओं की सेना की तीनों कमानों में चार साल के लिए भर्ती की जाएंगी। एक तरफ सरकार इस योजना को क्रांतिकारी सुधार वाला कदम बता रही है तो दूसरी ओर विशेषज्ञ इस पर सवाल भी उठा रहें हैं। आइए जानते हैं कि सेना में भर्ती होने वाले 'अग्निवीर' को कार्यकाल के दौरान और उसके बाद क्या फायदे मिलेंगे और नौकरी के बाद क्या विकल्प रहेंगे।
अग्निवीर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
अग्निवीरों की नियुक्ति के बाद मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानने से पहले उसके लिए आवश्यक योग्यता के बारे में जान लेते हैं। इस योजना में सिपाहियों, वायु सैनिक और नाविकों की भर्ती होगी, जिसके लिए आवेदकों की आयु सीमा 17.5 से 21 साल के बीच निर्धारित की गई है। आवेदक का कक्षा 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है। केवल कक्षा 10 पास होने वालों को प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12 की पढ़ाई भी कराई जाएगी।
नौकरी के दौरान और बाद में बाद क्या-क्या फायदे मिलेंगे?
अग्निवीरों का चार वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे इच्छानुसार नियमित सेवा के लिए आवेदन कर सकेंगे। हालांकि, इसमें अधिकतम 25 प्रतिशत को ही जगह मिलेगी। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा, लेकिन इससे पहले उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा। इसके अलावा उन्हें सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी और उन्हें पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा।
अग्निवीरों के वेतन से होगी 30 प्रतिशत कटौती
भारतीय सेना में अग्निवीरों को सेवा के पहले साल में 30,000 रुपये, दूसरे साल में 33,000 रुपये, तीसरे साल में 36,500 रुपये और चौथे साल में 40,000 रुपये महीना वेतन मिलेगा। इस अनुसार अग्निवीरों को पहले साल 4.76 लाख रुपये सालाना का वेतनमान मिलेगा जो कि चौथे साल में बढ़कर करीब 6.92 लाख रुपये हो जाएगा। इसमें से 70 प्रतिशत राशि ही बतौर वेतन मिलेगी। बाकी 30 प्रतिशत अग्निवीर कॉर्प्स फंड यानि सेवा निधि पैकेज में जमा होगी।
वेतन में से 30 प्रतिशत कटौती का फायदा क्या होगा?
अग्निवीरों के वेतन से होने वाली 30 प्रतिशत कटौती उनके सेवा निधि कोष में जमा होगी। चार साल में कुल 5.02 लाख रुपये जमा होंगे और इतनी ही राशि केंद्र सरकार भी जमा कराएगी। ऐसे में अग्निवीरों को सेवा के बाद प्रोविडेंट फंड (PF) की तरह ही लाभ मिल सकेगा। चार साल के बाद अग्निवीरों को इस कोष से कुल 11.71 लाख रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे। इस राशि पर कोई टैक्स भी नहीं लगेगा।
अग्निवीरों को चार साल में मिलेंगे 23 लाख से अधिक रुपये
अग्निवीरों को मिलने वाले चार साल के कुल वेतन को जोड़ा जाए तो उसकी कमाई कुल 23,43,160 रुपये होगी। बता दें कि अगर सेवा के दौरान कोई अग्निवीर शहीद हो जाता है तो उसके परिवार को सेवा निधि समेत कुल 1.23 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसी तरह यदि कोई जवान ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत 44 लाख रुपये मिलेंगे यानि उसे कुल 67.43, लाख रुपये तक मिलेंगे।