देश में 1 जुलाई से क्यों लगने जा रहा सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध?
देश में 1 जुलाई से सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने वाला है। केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पिछले साल ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया था और इस पर चरणों में अमल किया जा रहा है। मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में सिंगल-यूज प्लास्टिक के उत्पादन, वितरण, भंडारण और इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। आखिर सिंगल-यूज प्लास्टिक पर क्यों प्रतिबंध लगाया जा रहा है, आइए आपको विस्तार से समझाते हैं।
क्या होती है सिंगल-यूज प्लास्टिक?
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, सिंगल-यूज प्लास्टिक ऐसी प्लास्टिक होती है जिसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है। सामानों की पैकेजिंग से लेकर शैंपू, डिटर्जेंट और ब्यूटी प्रोडक्ट्स की बोतलों, पॉलिथीन के बैग, फेस मास्क, कॉफी कप और कचरा बैग आदि में इस तरह की प्लास्टिक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। दुनियाभर में जितनी प्लास्टिक बनती है, उसमें से एक-तिहाई सिंगल-यूज होती है। इसमें से 98 प्रतिशत जीवाश्मों से बनती है।
क्यों प्रतिबंधित की जा रही सिंगल-यूज प्लास्टिक?
दुनियाभर के प्लास्टिक कचरे में सिंगल-यूज प्लास्टिक का एक बड़ा हिस्सा है और 2019 में 13 करोड़ मीट्रिक टन सिंगल-यूज प्लास्टिक फेंकी गई थी। इस दर से 2050 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 5-10 प्रतिशत हिस्सेदारी सिंगल-यूज प्लास्टिक की होगी, जो एक बड़ी चिंता का विषय है। भारत में भी हर साल सिंगल-यूज प्लास्टिक का 56 लाख मीट्रिक टन कचरा पैदा होता है। ये पर्यावरण के लिए नुकसानदेय साबित होता है।
धीरे-धीरे इंसान के शरीर में जमा हो रही प्लास्टिक
एक रिपोर्ट के अनुसार, कुल सिंगल-यूज प्लास्टिक का महज 7.5 फीसदी हिस्सा ही रिसाइकिल किया जाता है। बाकी जमीन में दब जाता है या पानी में बहकर नदियों और समुद्र में चला जाता है। हर इंसान हर हफ्ते लगभग पांच ग्राम प्लास्टिक खा रहा है।
किन-किन सामानों पर लगाया गया प्रतिबंध?
CPCB के अनुसार, 1 जुलाई से प्लास्टिक स्टिक वाले इयरबड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाला पॉलिस्ट्रीन, प्लास्टिक कप-प्लेट समेत कटलरी का दूसरा सामान, मिठाई के डिब्बों को पैक करने में इस्तेमाल होने वाला पॉलिथीन, आमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट और 100 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक और PVC बैनर पर रोक लग जाएगी। गलने वाली प्लास्टिक से बनी चीजों पर पाबंदी नहीं होगी।
75 माइक्रोन तक के पॉलिथीन बैगों पर पहले से ही लागू है प्रतिबंध
केंद्र सरकार चरणों में सिंगल-यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगा रही है, ताकि उत्पादकों को दूसरे विकल्पों पर शिफ्ट होने का समय मिल जाए। सबसे पहले सितंबर, 2021 से 75 माइक्रोन के पॉलिथीन बैगों पर प्रतिबंध लागू किया गया था। इससे पहले केवल 50 माइक्रोन के पॉलिथीन बैगों पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। इस साल दिसंबर से प्रतिबंध बढ़कर 120 माइक्रोन के प्लास्टिक बैगों पर लागू हो जाएगा।
कौन लागू करेगा प्रतिबंध?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ राज्यों के प्रदूषण बोर्ड मिलकर इस पाबंदी पर नजर रखेंगे। राष्ट्रीय, राज्यीय और स्थानीय स्तर पर उद्योगों को प्रतिबंधित सामानों का उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियों को कच्चा माल न देने का निर्देश दे दिया गया है। प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें पांच साल तक की सजा या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।