गाजियाबाद: पांच वर्षीय बच्ची में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण, जांच के लिए भेजा गया सैंपल
क्या है खबर?
राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक पांच वर्षीय बच्ची में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण देखे गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक बच्ची के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उसके सैंपल को जांच के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) भेज दिया गया है।
यह बच्ची एक निजी अस्पताल में कान के संक्रमण की जांच के लिए पहुंची थी, जहां डॉक्टरों ने उसमें मंकीपॉक्स जैसे लक्षण देखे।
जानकारी
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। यह बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है।
यह धीरे-धीरे म्यूटेट होने वाला DNA वायरस है, जो सांस के जरिये या लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने से फैलता है। इसके लक्षण दिखने में संक्रमित होने के बाद 5 से 21 दिनों तक का समय लग सकता है।
ऐहतियात
बच्ची को किया गया आइसोलेट
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, हर्ष ENT अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ बीपी त्यागी ने बताया कि उनके पास एक बच्ची कान के संक्रमण की जांच के लिए आई थी। तब उन्होंने उसके शरीर पर मंकीपॉक्स से होने वाले घाव जैसे लक्षण देखे।
उन्होंने आगे कहा, "हमने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी और बच्ची को आइसोलेट कर दिया। उसके परिजनों ने बताया कि उनके परिवार के कई बच्चों में ऐसा संक्रमण हुआ है और दो बच्चे ठीक भी हो गए हैं।"
जानकारी
मंकीपॉक्स की पुष्टि होना बाकी
गाजियाबाद के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है कि यह मंकीपॉक्स का मामला हो। इस परिवार का विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि विभाग ने लड़की का सैंपल जांच के लिए भेज दिया है और नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।
एक और अधिकारी ने बताया कि शरीर पर खारिश के अलावा लड़की में किसी और तरह के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।
जानकारी
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स और क्या हैं इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
यह वायरस त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है।
इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और कुछ ही दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।
गाइडलाइंस
हाल ही में जारी हुई है गाइडलाइंस
दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रसार के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में इसे लेकर गाइडलाइंस जारी की थी।
इसमें बीमारी की निगरानी, पहचान, पुष्टि और इलाज के बारे में विस्तार से बताया गया था।
गाइडलाइंस में कहा गया था कि संदिग्ध मरीजों में PCR (कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए किए जाने वाला टेस्ट) या सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद ही बीमारी की पुष्टि की जाएगी।
मंकीपॉक्स का प्रसार
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
अभी तक अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इजरायल, स्विट्जरलैंड आदि देशों में मंकीपॉक्स के लगभग 700 मामले सामने आ चुके हैं।
ये कैमरून, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कॉन्गो, गैबोन, लाइबेरिया, नाइजीरिया और सिएरा लियोन आदि देशों से अलग है, जहां अकसर इसके मामले सामने आते रहते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले दिनों में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ेंगे।