केवल पंजाब में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई चार संदिग्ध मौतें- केंद्र सरकार
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन की भारी कमी हुई थी। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को भी ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी और कई अस्पतालों ने इस कारण मरीजों की मौतें होने की बात कही थी।
अब केंद्र सरकार ने बताया है कि उसे जिन 19 राज्यों ने इस सिलसिले में जानकारी दी है, उनमें से केवल पंजाब ने ऑक्सीजन की कमी के कारण चार संदिग्ध मौतें होने की बात कही है।
पृष्ठभूमि
ऑक्सीजन की कमी के कारण मची थी हाहाकार
बता दें कि अप्रैल-मई में दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी आ गई थी।
इसके कारण दिल्ली, गोवा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में दर्जनों मरीजों की मौत हो गई थी।
हालात इतने बिगड़ गए थे कि हाई कोर्ट्स के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट को भी इसमें दखल देना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के आदेश दिए थे।
बयान
स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी
शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा को बताया, "हमने सभी राज्यों से इससे जुड़े आंकड़े मांगे थे। केवल पंजाब ने ऑक्सीजन की कमी से चार संदिग्ध मौतें होने जानकारी दी है।"
उन्होंने बताया, 'पहले हमारी जरूरत 900-1,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन थी, जो पहली लहर के दौरान 1,400 मीट्रिक टन प्रति दिन हो गई। दूसरी लहर के दौरान हमारी क्षमता पहली लहर के आधार पर 1,400 मीट्रिक टन ही थी, जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया गया।"
ऑक्सीजन की उपलब्धता
केंद्र ने राज्यों से तीन बार मांगी जानकारी- मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "हमने तीन बार राज्यों से ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों के आंकड़े मांगे हैं। 19 राज्यों ने इसका जवाब दिया है, लेकिन इनमें से केवल पंजाब ने चार लोगों की ऑक्सीजन के कारण संदिग्ध मौत होने की और इनकी जांच करने की बात कही है।"
मांडविया ने आगे कहा कि बाकी 18 राज्यों ने ऑक्सीजन के कारण किसी की जान जाने की जानकारी नहीं दी है।
बयान
मांडविया बोले- ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर हुई राजनीति
मांडविया ने कहा कि दूसरी लहर की शुरुआत से ही मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर राजनीति की जा रही थी।
उन्होंने कहा, "मुझे यह कहते हुए खेद है कि हमारे तमाम प्रयासों के बावजूद लोगों ने राजनीति की। कुछ लोग कोर्ट चले गए और गलत आंकड़े दिखाकर जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन मांगी। मैंने दिल्ली में देखा कि दूसरी जगहों के टैंकरों का रास्ता बदला जा रहा था। मौतों पर भी राजनीति हुई।"
ऑक्सीजन की उपलब्धता
पहले भी ऐसी जानकारी दे चुकी है सरकार
केंद्र सरकार पहले भी जुलाई में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने की बात कह चुकी है।
इसके बाद कांग्रेस, शिवसेना, आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने मामले में सरकार पर झूठ बोलने और सच्चाई छिपाने के गंभीर आरोप लगाए थे।
हालांकि, भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए गैर भाजपा शाषित राज्यों पर केंद्र को गलत सूचना देने का आरोप लगाया था।