कोलकाता में डॉक्टर की रेप-हत्या: सुप्रीम कोर्ट CBI से 16 सितंबर तक मांगी ताजा स्टेटस रिपोर्ट
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई।
इस दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मामले की जांच पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट और पश्चिम बंगाल सरकार ने भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से कई तीखे सवाल किए। इसके बाद कोर्ट ने CBI को अगले सप्ताह तक ताजा रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दे दिए।
सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से किए ये सवाल
पश्चिम बंगाल सरकार की स्थिति रिपोर्ट पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में 3 सदस्यीय खंडपीठ ने पूछा कि डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले की FIR कब दर्ज हुई?
इस पर सरकार ने कहा कि दोपहर 2:55 बजे FIR दर्ज हुई और 1:47 बजे मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया।
कोर्ट ने कहा सरकार अप्राकृतिक मौत के मामले में स्पष्टीकरण दें। इस पर सरकार ने बताया कि थाने में अप्राकृतिक मौत मामले में यह FIR दर्ज हुई थी।
जानकारी
डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान हुई 23 लोगों की मौत- सरकार
राज्य सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा उन्होंने CBI को अभी स्थिति रिपोर्ट की कॉपी नहीं सौंपी है। मामले में डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से जब डॉक्टर अस्पताल में काम नहीं कर रहे थे, तो उस वक्त 23 लोगों की मौत हुई थी।
आरोप
पश्चिम बंगाल सरकार पर लगा कुछ छिपाने का आरोप
सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार CBI से क्या छिपाना चाहती है? उसे सरकार की रिपोर्ट की कॉपी क्यों नहीं दी गई है।
इसके अलावा उन्होंने सरकार से घटना के बाद उठाए गए कदमों की तथ्यात्मक रिपोर्ट भी मांगी।
इस पर CJI ने सरकार से पूछा कि क्या कोलकाता पुलिस ने सभी CCTV फुटेज CBI को सौंप दी है? इस पर SG ने कहा कि 27 मिनट अवधि की केवल 4 फुटेज दी गई है।
रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने CBI से 16 सितंबर तक मांगी नई रिपोर्ट
CJI ने कहा, "हम इस मामले में खुली अदालत में कुछ नहीं कहना चाहते, क्योंकि जांच अभी चल रही है। CBI अगले सोमवार (16 सितंबर) तक अगली जांच रिपोर्ट जमा करे। अभी की रिपोर्ट के आधार पर जांच प्रगति पर है। ऐसे में CBI अगली सुनवाई से पहले ताजा स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करें। देखते हैं, अब से लेकर तब तक क्या होता है।"
इस दौरान कोर्ट ने CBI को मामले में तथ्यात्मक जांच करते हुए रिपोर्ट देने को भी कहा।
आरोप
CISF की महिला बटालियन का सुविधा न देने का आरोप
SG मेहता ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर महिला डॉक्टरों सुरक्षा के लिए अस्पताल पहुंची केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की महिला बटालियन को राज्य सरकार ने रहने सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई।
इस पर सिब्ब्ल ने इसका खंडन कर दिया। SG ने कहा कि सरकार ने केवल सुरक्षा उपकरण मुहैया कराई और कुछ नहीं दिया।
इस पर CJI ने सरकार को रात 9 बजे तक महिला बटालियन को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने का आदे दे दिया।
चालान
पोस्टमार्टम चालान के सवाल पर फंसी CBI और सरकार
एक याचिकाकर्ता ने महिला डॉक्टर के शव का रात में पोस्टमर्टम करने पर सवाल खड़े किए और कहा कि आज तक किसी भी शव का रात में पोस्टमार्टम नहीं किया गया है।
इस पर कोर्ट ने CBI और राज्य सरकार से पोस्टमार्टम के लिए आवश्यक चालान मांग लिया।
इस सवाल पर CBI और राज्य सरकार सकते में आ गई। दोनों ने चालान न होने की बात कही। हालांकि, राज्य सरकार ने जल्द ही चालान उपलब्ध कराने की बात कह दी।
सुनवाई
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
इससे पहले 20 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने घटना पर खेद जताते देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा पर चिंताई थी।
उस दौरान कोर्ट ने डॉक्टरों के लिए सुरक्षा की सिफारिशों के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया था।
इसके अलावा कोलकाता के अस्पताल में सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF और CRPF को सौंपने के आदेश दिए थे।
इतना ही नहीं कोर्ट ने डॉक्टरों से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की भी अपील की थी।
पृष्ठभूमि
क्या है महिला डॉक्टर की हत्या का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई थी।
उसकी आंख, मुंह, पैर, गर्दन, हाथ, कमर और निजी अंगों पर काफी चोटें थीं।
मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया है और उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया है। फिलहाल CBI की टीम मामले की जांच में जुटी हुई है।