देशभर में फैली डॉक्टरों की हड़ताल, जानें अब तक क्या-क्या हुआ
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में आज पूरे देश में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। द इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कई दिन से हड़ताल कर रहे बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में इस अखिल भारतीय हड़ताल का आयोजन किया है। सोमवार सुबह 6 बजे से शुरू हुई इस 24 घंटे की हड़ताल में सभी तरह की गैर-आवश्यक मेडिकल सेवाएं बंद रहेंगी। इस दौरान डॉक्टर केवल आपातकाल, दुर्घटना और ICU में मरीजों को देखेंगे।
अस्पतालों पर हमले के खिलाफ राष्ट्रीय कानून की मांग
IMA ने हड़ताल का ऐलान करते हुए अस्पतालों में हिंसा के खिलाफ एक राष्ट्रीय कानून और कम से कम 7 साल की सजा की मांग की है। अस्पतालों को 'सुरक्षित क्षेत्र' घोषित करने और सरकार द्वारा पर्याप्त सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग भी की गई है। IMA के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जेए जयालाल ने इस पर कहा कि 19 राज्यों में पहले से ही अस्पतालों की सुरक्षा के लिए कानून हैं, इसलिए एक केंद्रीय कानून बेहद आवश्यक है।
ममता से मिलेंगे बंगाल के डॉक्टर
वहीं, 6 दिन की हड़ताल के बाद आज बंगाल के डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने को तैयार हो गए हैं। आज दोपहर राज्य सचिवालय में डॉक्टर और ममता के बीच मुलाकात हो सकती है। डॉक्टरों ने मांग की है कि बैठक मीडिया कवरेज के बीच होनी चाहिए और इसमें सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्रतिनिधि होने चाहिए। इससे पहले शुक्रवार को भी ममता ने राज्य सचिवालय पर कुछ डॉक्टरों से मुलाकात की थी।
AIIMS भी हुआ हड़ताल में शामिल
दिल्ली के AIIMS ने भी सोमवार सुबह अपने एक जूनियर डॉक्टर पर हुए हमले के विरोध में हड़ताल का समर्थन किया है। डॉक्टरों ने AIIMS कैंपस में सुबह 8 से 9 बजे के बीच विरोध मार्च निकाला। वहीं, AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बयान जारी कर कहा, "हम पश्चिम बंगाल सरकार से एक बार फिर हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने और आम जनता के हित में मामला जल्द से जल्द सुलझाने का आग्रह करते हैं।"
दिल्ली के इन अस्पतालों में भी हड़ताल
AIIMS के अलावा सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल और डॉ बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल समेत दिल्ली के 22 अस्पतालों के 10,000 से अधिक डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं।
कहां से शुरू हुआ पूरा मामला?
सोमवार शाम को कोलकाता के नील रतन सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 74 वर्षीय मोहम्मद सईद की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए डॉक्टरों की पिटाई की और अस्पताल पर पत्थर फेंके। हमले में 2 जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसके विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी जो आज छठवें दिन भी जारी है। इस बीच बंगाल के 700 से अधिक डॉक्टर इस्तीफा भी दे चुके हैं।