ममता बनर्जी को बड़ा झटका, दो TMC विधायक और 50 से अधिक पार्षद भाजपा में शामिल
लोकसभा चुनाव के बाद जैसा अंदेशा था, भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच पश्चिम बंगाल में टकराव बढ़ता जा रहा है। ममता बनर्जी की TMC के 2 विधायक और 50 से ऊपर पार्षद अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजवर्गीय की उपस्थिति में दिल्ली में हुए कार्यक्रम में ये सभी भाजपा में शामिल हुए। इसके अलावा CPM का एक विधायक भी भाजपा में शामिल हुआ है।
भाजपा का 'शक्ति प्रदर्शन' शुरु
शामिल होने वालों में मुकुल रॉय का बेटा भी शामिल
भाजपा में शामिल होने वाले TMC विधायकों का नाम शुभ्रांशु रॉय और तुषारकांती भट्टाचार्य है। शुभ्रांशु TMC से भाजपा में शामिल होने वाले मुकुल रॉय के बेटे हैं। वहीं, पार्टी बदलने वाले CPM विधायक का नाम देवेंद्र रॉय है।
विजयवर्गीय ने कहा, चुनाव की तरह सात चरणों में शामिल होंगे नेता
कार्यक्रम में विजयवर्गीय ने कहा, "जैसे पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव हुए थे, उसी तरह भाजपा में भी विधायक सात चरणों में शामिल होंगे। ये केवल पहला चरण था।" घोषणा से पहले भी उन्होंने कहा कि भविष्य में भी विरोधी दलों के नेता ऐसे भाजपा में शामिल होते रहेंगे। इससे पहले कभी ममता के विश्वसनीय रहे मुकुल रॉय ने कहा कि बंगाल के लोग भाजपा को समर्थन देने का मन बना चुके हैं।
अभी तो पहला चरण पूरा हुआ है- विजयवर्गीय
लोकसभ चुनाव में भाजपा का शानदार प्रदर्शन
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बंगाल में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए राज्य की 42 में से 18 सीटों पर कब्जा जमाया था। TMC को 22 सीटों से संतोष करना पड़ा। 2014 चुनाव में उसे मात्र 2 सीटें मिलीं थीं। इस बीच उसका वोट प्रतिशत 18 से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया। भाजपा के इस उभार के बाद TMC में खलबली मच गई थी और उसके कई विधायकों और नेताओं की भाजपा में शामिल हो सकने की खबरें आ रहीं थीं।
ममता ने की थी मुख्यमंत्री पद छोड़ने की पेशकश
चुनाव में TMC के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए ममता बनर्जी ने पार्टी के सामने मुख्यमंत्री पद छोड़ने की पेशकश की थी, जिसके बाद पार्टी ने उनसे मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का अनुरोध किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था 40 TMC के संपर्क में होने का दावा
बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 40 TMC विधायकों के खुद के संपर्क में होने का सनसनीखेज दावा किया था। TMC ने उनके इस बयान की चुनाव आयोग से शिकायत की थी और कहा कि भाजपा विधायकों को खरीदने का प्रयास कर रही है। चुनाव के बाद भाजपा के एक सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी के दावे का समर्थन करते हुए कहा था कि 90 दिन के अंदर बंगाल में ममता की सरकार गिर जाएगी।
2021 विधानसभा चुनाव पर है दोनों पार्टियों की नजर
भाजपा और TMC के बीच इस टकराव का मुख्य केंद्र 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव हैं। लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा को पहली बार राज्य में सरकार बना सकने की संभावना नजर आ रही है और वह इसमें कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। वहीं, ममता अपने किले को बचाकर खुद को फिर से मजबूत करना चाहेंगी। ऐसे परिदृश्य में अगले 2 साल बंगाल की राजनीति के लिए बेहद अहम होने वाले हैं।