#NewsBytesExplainer: बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का वो मामला, जिसने ढहाया अतीक का आपराधिक साम्राज्य
गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को आज उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने झांसी में मार गिराया। असद के साथ उमेश पाल की हत्या में शामिल शूटर गुलाम को भी ढेर कर दिया गया है। 25 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही अतीक और उसके करीबियों पर एक्शन जारी है। इस मामले की शुरुआत साल 2005 में हुए राजू पाल हत्याकांड से होती है। चलिए इस पूरे मामले को समझते हैं।
फुलपूर चुनाव में अतीक के भाई की हार
साल 2004, अब तक अतीक इलाहाबाद पश्चिम सीट से 5 बार विधायक बन चुका था। इसी साल लोकसभा चुनाव हुए और अतीक फूलपुर सीट से सांसद बना। इससे इलाहबाद पश्चिम सीट खाली हो गई, जिस पर अतीक ने अपने भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को खड़ा किया। खालिद का सामना बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राजू पाल से था। नतीजों में राजू ने खालिद को 4,818 वोटों से हरा दिया। अतीक ने इस हार को अपनी इज्जत पर ले लिया।
राजू पाल की हत्या
24 जनवरी, 2005 को राजू स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल से खुद कार चलाकर घर लौट रहे थे। इस वाहन में उनके साथ संदीप यादव और देवीलाल भी सवार थे। एक दूसरे वाहन में उनका चालक महेंद्र, ओम प्रकाश और अन्य 3 लोग सवार थे। नेहरू पार्क में सुलेम सराय के पास करीब 10 हमलावरों ने राजू की कार को घेर लिया और अंधाधुंध फायरिंग की। राजू के साथ वाले दूसरे वाहन पर भी गोलियां बरसाई गईं।
राजू के शरीर से निकली थीं 19 गोलियां
हमले के बाद लोग राजू को टैंपो में डालकर अस्पताल ले जाने लगे। हमलावरों को लगा कि राजू अभी जिंदा हैं तो उन्होंने कई किलोमीटर तक टैंपो का पीछा किया और फायरिंग करते रहे। अस्पताल पहुंचते-पहुंचते राजू का पूरा शरीर छलनी हो गया था। संदीप और देवीलाल की मौके पर ही मौत हो गई। पोस्टमार्टम के दौरान राजू के शरीर से 19 गोलियां निकली थीं। हत्याकांड के बाद इलाहाबाद में आगजनी और हिंसा की कई घटनाएं हुईं।
राजू की पत्नी ने दर्ज कराया अतीक और उसके भाई के खिलाफ केस
राजू की हत्या के मामले में उनकी पत्नी पूजा ने अतीक अहमद, अशरफ और तीन अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया था। राजू की हत्या के बाद इलाहबाद पश्चिम सीट पर उपचुनाव हुए। इसमें पूजा भी खड़ी हुईं, लेकिन अतीक के भाई अशरफ की जीत हुई। कहा जाता है कि अतीक के डर से लोगों ने पूजा को वोट नहीं दिया। हालांकि, 2007 और 2012 के चुनावों में पूजा ने इस सीट से जीत दर्ज की।
हत्याकांड में मुख्य गवाह थे उमेश पाल
उमेश पाल राजू की पत्नी पूजा के भाई थे। राजू पाल हत्याकांड में धूमनगंज थाने में उमेश को मुख्य गवाह बनाया गया था। इस हत्याकांड से जुड़े कई गवाह मुकर गए थे, लेकिन उमेश अंत तक डटे रहे। इस मामले की सुनवाई प्रयागराज की MP-MLA स्पेशल कोर्ट में चल रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट को आदेश दिया था कि ट्रायल 2 महीने में पूरा किया जाए।
फैसला आने से पहले ही उमेश की हत्या
इसी साल 24 फरवरी को उमेश जिला कोर्ट से अपने घर जा रहे थे, तभी कुछ बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। इसमें उमेश समेत उनके 2 गनर की भी मौत हो गई। यह पूरी वारदात CCTV कैमरे में कैद हो गई थी। इस हत्याकांड में शामिल 4 आरोपियों का पुलिस एनकाउंटर कर चुकी है। अतीक के परिवार की मदद करने वाले 3 आरोपियों और करीबियों के घर पर बुलडोजर भी चलाया गया था।
कौन है अतीक अहमद?
अतीक पर मात्र 17 साल की उम्र में हत्या का आरोप लगा था। साल 1984 में प्रयागराज में हत्या के प्रयास में उसके खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। 1989 में अतीक ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इलाहाबाद पश्चिम से विधायक का पहला चुनाव जीता। अतीक इस सीट से लगातार 5 बार विधायक रहा। उसने 2004 में फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव जीता। उत्तर प्रदेश में अतीक पर करीब 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।