उमेश पाल हत्याकांड: योगी सरकार सख्त, अतीक अहमद के एक और करीबी के घर को गिराया
प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद योगी सरकार एक्शन में आ गई है। प्रशासन ने अतीक अहमद के करीबी और हथियार सप्लाई करने के आरोपी सफदर अली के घर पर बुलडोजर चलाया है। इससे पहले 1 मार्च को अतीक अहमद के करीबी जफर अहमद का घर भी गिरा दिया गया था। 24 फरवरी को प्रयागराज में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी।
सफदर अली पर हथियार सप्लाई करने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सफदर अली पिछले करीब 40 साल से प्रयागराज के जॉनसन गंज इलाके में SSA गन हाउस नाम से दुकान चलाता है। आरोप है कि सफदर अली माफिया अतीक अहमद को अवैध हथियार सप्लाई किया करता था। सफदर अली के चकिया इलाके के 60 फीट रोड स्थित जिस मकान को गिराया गया है, वो उसके बेटों सैय्यद कमर अब्बास और सैय्यद फजल अब्बास के नाम पर है।
मेरा अतीक अहमद से कोई संबंध नहीं- सफदर
प्रशासन की कार्रवाई से पहले सफदर अली ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनका अतीक अहमद और इस मामले से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने हथियार सप्लाई करने के आरोप को नकारते हुए कहा कि उन्होंने ये काम कभी नहीं किया। उन्होंने कहा, "अगर प्रशासन एक भी हथियार सप्लाई करने की बात दिखा दे तो हम अपनी जबान कटवा लेंगे। आप मोहल्ले वालों से पूछिए, हमारे खिलाफ कभी कोई मुकदमा नहीं हुआ है।"
2 दिन में 2 आरोपियों के घर जमींदोज
1 मार्च को प्रशासन ने अतीक अहमद के करीबी जफर अहमद के मकान पर भी बुलडोजर चलाया था। इस मकान में माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन भी रहती थीं। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) के सचिव अजित सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जफर ने मकान का नक्शा PDA से पास नहीं कराया था और इस संबंध में उसे पहले ही नोटिस दिया जा चुका था।
पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है एक आरोपी
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक आरोपी अरबाज 27 फरवरी को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि अरबाज नेहरू पार्क में छिपा है। पार्क में ही अरबाज ने पुलिस टीम पर गोली चलाई, जिससे एक सिपाही जख्मी हो गया। जवाबी कार्रवाई में अरबाज के पैर और सीने में गोली लगी। पुलिस अरबाज को गंभीर अवस्था में अस्पताल लेकर पहुंची, जहां उसकी मौत हो गई।
मुख्यमंत्री ने दी थी माफिया को मिट्टी में मिलाने की चेतावनी
प्रयागराज में हुए गोलीकांड पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि सपा के सहयोग से ही अतीक अहमद सांसद बना। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा था, "माफिया किसी भी पार्टी का हो, हमारी सरकार उसकी कमर तोड़ने का काम जारी रखेगी। हम माफियाओं को राज्य में पनपने नहीं देंगे और उन्हें मिट्टी में मिला देंगे।"
25 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
25 फरवरी की शाम प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। उनकी सुरक्षा में लगे दो गनर भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनमें से एक की उसी दिन और दूसरे की 1 मार्च को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। घटना उस वक्त हुई जब उमेश जिला कोर्ट से अपने घर जा रहे थे। इस दौरान हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं।
क्या है बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मामला?
25 जनवरी, 2005 को इलाहबाद पश्चिम से बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप अतीक अहमद पर लगा। दरअसल, राजू पाल ने विधानसभा चुनाव में अतीक अहमद के भाई को हराया था। इस मामले में अतीक अहमद मुख्य आरोपी था। इस कांड की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही थी, जिसमें उमेश पाल मुख्य गवाह था। इसी के चलते उमेश पाल की हत्या की गई। अतीक फिलहाल जेल में बंद है।