
#NewsBytesExplainer: क्या गिरफ्तार होंगे व्लादिमीर पुतिन, ICC के गिरफ्तारी वारंट का मतलब क्या है?
क्या है खबर?
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह वारंट यूक्रेन में युद्ध अपराधों और यूक्रेनी बच्चों को अगवा कर रूस ले जाने के मामले में जारी हुआ है।
न्यायालय ने कहा है कि यूक्रेन में जिस तरह की अमानवीय घटनाएं हुई हैं, उनके लिए पुतिन जिम्मेदार हैं।
समझते हैं इस गिरफ्तारी वारंट का मतलब क्या है और क्या पुतिन गिरफ्तार किए जाएंगे।
वारंट
क्या है पुतिन के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट?
ICC ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन और बाल अधिकार आयुक्त मारिया लवोवा-बेलोवा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
कोर्ट का कहना है कि राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से लोगों खासतौर पर बच्चों को अवैध तरीके से अगवा कर रूस ले आए। इसके लिए पुतिन युद्ध अपराध के लिए कथित रूप से जिम्मेदार हैं।
अदालत ने कहा कि ये सभी अपराध यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से हो रहे हैं।
गिरफ्तारी
तो क्या गिरफ्तार किए जा सकते हैं राष्ट्रपति पुतिन?
इसका जवाब है- नहीं, क्योंकि ICC के पास संदिग्धों को गिरफ्तार करने की कोई शक्ति नहीं है।
यह केवल उन देशों के भीतर से आरोपियों को गिरफ्तार कर सकता है, जिन्होंने इसे स्थापित करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। रूस इस समझौते का हिस्सा नहीं है, इसलिए पुतिन को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि रूस के अलावा अमेरिका और चीन भी ICC के सदस्य नहीं हैं।
तरीके
पुतिन की गिरफ्तारी के ये हैं संभावित दो तरीके
ICC के अभियोजक करीम खान के मुताबिक, "ICC के पास किसी को गिरफ्तार करने की शक्तियां नहीं हैं, क्योंकि उसके पास खुद की पुलिस नहीं है। ICC किसी को दोषी ठहरा सकता है, गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है, लेकिन गिरफ्तारी के लिए वह दूसरे देशों पर निर्भर रहता है। ऐसे में पुतिन की गिरफ्तारी दो तरीकों से हो सकती है। पहला- पुतिन को प्रत्यर्पित किया जाए, दूसरा- रूस के बाहर किसी अन्य देश में गिरफ्तार किया जाए।"
मुश्किलें
पुतिन की गिरफ्तारी में क्या हैं मुश्किलें?
ICC पुतिन की गिरफ्तारी के लिए सदस्य देश पर दबाव बना सकता है।
करीम के अनुसार, "हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि सदस्य देश ICC की बात मान ही लें। इसके पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। सूडान के नेता उमर अल-बशीर के खिलाफ भी ICC ने वारंट जारी किया था। इसके बावजूद उमर ने कई ICC देशों का दौरा किया था। सत्ता से हटाए जाने के बावजूद वे अभी तक ICC की पहुंच से दूर हैं।"
प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी वारंट पर रूस का क्या कहना है?
रूस ने ICC द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया है।
रूस के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ ICC के गिरफ्तारी वारंट का कानूनी लिहाज से कोई मतलब नहीं है, क्योंकि रूस 2016 में ICC संधि से हट गया था। रूस अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के रोम संधि का सदस्य नहीं है और इसके तहत कोई जिम्मेदारी भी नहीं है। रूस इस निकाय के साथ सहयोग नहीं करता है।"
जानकारी
रूस ने वारंट की तुलना टॉयलेट पेपर से की
रूस के पूर्व राष्ट्रपति मित्री मेदवेदेव ने ट्विटर पर लिखा, 'अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। टॉयलेट पेपर इमोजी के साथ यह बताने की जरूरत नहीं है कि इस पेपर का इस्तेमाल कहां किया जाना चाहिए।'
जवाब
रूस के जवाब में ICC ने क्या कहा?
ICC अध्यक्ष पियोट्र हॉफमांस्की ने अलजजीरा को बताया कि रूस का खुद को रोम संधि से बाहर बताना अप्रासंगिक है।
उन्होंने कहा, "दुनिया के 123 देश ICC के सदस्य हैं। अदालत के पास अपने सदस्य देश में किए गए अपराधों पर कार्यवाही करने का अधिकार है। यूक्रेन ने 2014 और 2015 में ICC संधि को स्वीकार किया है।"
उन्होंने आगे कहा कि नवंबर, 2013 के बाद से यूक्रेन पर हुए किसी भी अपराध पर कार्रवाई का अधिकार अदालत को है।
जानकारी
यूक्रेन बोला- ये तो महज शुरुआत है
ICC के फैसले को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि ये तो महज शुरुआत है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जिससे ऐतिहासिक जिम्मेदारी शुरू होगी।'
ICC
क्या है अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय?
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय की नींव 17 जुलाई, 1998 में रोम में हुई संधि के वक्त रखी गई थी। 1 जुलाई, 2002 को यह संधि आधिकारिक तौर पर लागू हुई।
ICC नरसंहार के अंतरराष्ट्रीय अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों और युद्ध अपराधों से जुड़े मामलों की जांच करता है।
डेमोक्रिट रिपब्लिक ऑफ कांगो के थॉमस लुबांगा ICC द्वारा दोषी ठहराए गए पहले व्यक्ति हैं। इसका मुख्यालय नीदरलैंड में है और फिलहाल 123 देश इसके सदस्य हैं।