गैंगस्टर अतीक अहमद का बेटा असद एनकाउंटर में ढेर
गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने झांसी में मार गिराया है। STF ने उसके साथ एक और बदमाश गुलाम मोहम्मद को भी ढेर किया है। STF ने बताया कि घेराबंदी होने के बाद दोनों बदमाश पुलिस टीम पर गोलीबारी करने लगे और जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दोनों बदमाशों को मार गिराया। उत्तर प्रदेश STF के प्रमुख अमिताभ यश ने इस एनकाउंटर की पुष्टि की है।
उमेशपाल हत्याकांड में शामिल था असद
असद अहमद और उसका साथी गुलाम मोहम्मद उमेश पाल की हत्या में शामिल थे और तभी से फरार चल रहे थे। दोनों पर पुलिस ने 5-5 लाख रुपये का इनाम रखा था। झांसी में DSP नवेंदु और DSP विमल के नेतृत्व में STF टीम ने दोनों बदमाशों को मार गिराया। उनके पास से पुलिस ने विदेशी हथियार भी बरामद किए हैं। पिछले डेढ़ महीने से उत्तर प्रदेश STF इन दोनों की तलाश में जुटी थी।
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मोटरसाइकिल से मध्य प्रदेश भागने की फिराक में थे दोनों
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असद और गुलाम मध्य प्रदेश भागने की फिराक में थे। दोनों उमेश पाल हत्याकांड के बाद लखनऊ से कानपुर गए थे। इसके बाद मेरठ पहुंचे और फिर वहां से दिल्ली के संगम विहार चले गए। अब वह झांसी शहर से मोटरसाइकिल पर सवार होकर मध्य प्रदेश में अंदर जा रहे थे। पुलिस को मुखबिर ने यह सूचना दी थी, जिसके बाद STF की टीम ने घेराबंदी करते हुए उन्हें मार गिराया।
आज कोर्ट में अतीक की पेशी
अतीक के 5 बेटों में से असद तीसरे नंबर का था। उसका एनकाउंटर तब हुआ जब उमेश पाल की हत्या मामले में प्रयागराज कोर्ट में अतीक की रिमांड पर सुनवाई चल रही है। पिछले दिनों अतीक को साबरमती की जेल से प्रयागराज कोर्ट लाया गया था और उसके भाई अशरफ को भी आज कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस को दोनों से उमेश पाल की हत्या मामले को लेकर पूछताछ करनी है।
उमेश पाल की मां ने कहा- दोनों को मिली पाप की सजा
आरोपियों के एनकाउंटर पर उमेश पाल की मां ने कहा, "मेरे बेटे को सरेआम गोली मार दी थी। आज की कार्रवाई से हम लोगों को थोड़ी शांति मिली है। मेरे बेटे के हत्यारे मारे गए। उन्हें पाप की सजा मिली। योगी जी का धन्यवाद।"
उमेश पाल हत्याकांड में अब तक 4 आरोपियों का एनकाउंटर
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल 4 आरोपियों का उत्तर प्रदेश पुलिस एनकाउंटर कर चुकी है। पहला एनकाउंटर प्रयागराज में ही 27 फरवरी को अरबाज का हुआ था। दूसरा एनकाउंटर 6 मार्च को हुआ। इसमें पुलिस ने उमेश पाल पर पहली गोली चलाने वाले विजय चौधरी उर्फ उस्मान को मार गिराया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले में अतीक के परिवार की मदद करने वाले 3 आरोपियों और करीबियों के घर पर बुलडोजर चला दिया था।
फरवरी में हुई थी उमेश पाल की हत्या
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में हत्या कर दी गई थी। उनकी सुरक्षा में लगे दो गनर गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनमें से एक की उसी दिन और दूसरे की 1 मार्च को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। घटना के समय उमेश जिला कोर्ट से अपने घर जा रहे थे और इस दौरान कुछ हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं।
क्या है बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मामला?
25 जनवरी, 2005 को इलाहाबाद पश्चिम से बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप अतीक पर लगा था। दरअसल, राजू पाल ने विधानसभा चुनाव में अतीक के भाई अशरफ को हराया था। इस मामले में अतीक मुख्य आरोपी है। इस हत्याकांड की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही थी, जिसमें उमेश मुख्य गवाह था। इसी के चलते उमेश की भी हत्या की गई थी।