अयोध्या आतंकी हमले के चार दोषियों को उम्रकैद, जानें क्या था पूरा मामला
साल 2005 में अयोध्या में हुए आतंकी हमले के मामले में अदालत का फैसला आ गया है। हमले के 14 साल बाद प्रयागराज की विशेष अदालत ने हमले के आरोपी पांच में चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबकि एक को बरी कर दिया गया है। मामले की सुनवाई स्पेशल जज दिनेश चंद्र ने दोषियों पर 40,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आइये, जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या था।
हमले में घायल हुए थे सात जवान
साल 2005 में 5 जुलाई को अयोध्या में हुए इस हमले में दो नागरिकों की मौत हुई थी। सुरक्षाबलों ने पांच आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया था। हमले में अर्धसैनिक बल के सात जवान घायल हुए थे। पुलिस ने इस हमले के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से इरफान, मोहम्मद शकील, मोहम्मद नसीम और फारुक को उम्रकैद की सजा हुई है। वहीं पांचवे आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी किया गया है।
अदालत ने सुने 63 गवाहों के बयान
इन दोषियों पर हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को सहायता देने और हमले की साजिश रचने का दोष साबित हुआ है। इस हमले को अंजाम देने वाले आंतकियों को घटनास्थल पर ही ढेर कर दिया गया था। अदालत अब तक इस मामले में 63 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी थी। इन दोषियों को नैनी जेल में रखा गया था, जहां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इनकी सुुनवाई होती थी।
आतंकियों ने किए थे राम मंदिर में दर्शन
इस हमले में भारी सुरक्षा व्यवस्था वाली विवादित राम जन्मभूमि को निशाना बनाया गया था। हमले को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए-तैयब्बा के ये आतंकी नेपाल के रास्ते भारत में घुसे थे। आतंकी श्रद्धालुओं का भेष बनाकर अयोध्या में घुसे थे। उन्होंने फैजाबाद से एक जीप किराये पर ली थी। जीप के ड्राइवर ने बताया कि आतंकियों ने पहले राम मंदिर में दर्शन किए और उसके बाद रेकी की। इसके बाद आतंकियों ने ड्राइवर को जीप से बाहर फेंक दिया।
एक घंटे चले एनकाउंटर में ढेर हुए आतंकी
ड्राइवर को बाहर फेंकने के बाद आतंकियों ने जीप को सुरक्षा के लिए लगाए गए बैरिकेड से टकरा दिया और ग्रेनेड फेंका। इसके बाद आतंकी सीता रसोई में घुस गए और अंधाधुध फायरिंग करने लगे। इनसे मुकाबला करने के लिए 35 CRPF जवानों की टुकड़ी को बुलाया गया, जिन्होंने एक घंटे के भीतर इन आंतकियों को सफाया कर दिया। इस कार्रवाई में कई CRPF जवान भी घायल हुए थे।
पुलिस को घटनास्थल से मिले कई हथियार
पुलिस को मौके से ग्रेनेड लॉन्च, अलॉल्ट राइफल, पांच पिस्तौल समेत कई हथियार और जिहादी दस्तावेज मिले थे। मामले की जांच में जुटी पुलिस ने हमले के लगभग एक महीने बाद चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इन पर आतंकियों की मदद करने का आरोप था। कुछ दिन बाद पांचवे आरोपी की गिरफ्तारी हुई। लगभग 14 साल चले इस मामले में आज अदालत ने फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।