उमेश पाल हत्याकांड में दूसरा एनकाउंटर, पहली गोली चलाने वाले उस्मान को पुलिस ने किया ढेर
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। शातिर आरोपी ने उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात सिपाही पर गोली चलाई थी। यह एनकाउंटर कौंधियारा थाना क्षेत्र में सुबह करीब 5 बजे हुआ और आरोपी विजय उर्फ उस्मान पर 50,000 रुपये का इनाम भी था। पुलिस इससे पहले हत्याकांड में शामिल आरोपी अरबाज का एनकाउंटर भी कर चुकी है।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी?
प्रयागराज के कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि सुबह 5 बजे कौंधियारा थाना क्षेत्र में पुलिस और विजय उर्फ उस्मान के बीच एनकाउंटर शुरू हुआ और उस्मान को गोली लगने पर स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के बेटे असद अहमद समेत अन्य पांच शूटरों पर 2.5-2.5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
क्या है उमेश पाल हत्याकांड?
आरोपियों ने उमेश पाल पर 24 फरवरी को जानलेवा हमला किया गया था। इस हमले में उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात सिपाही की जान चली गई। उमेश पाल राजूपाल हत्याकांड के गवाह थे। जब उमेश पाल गाड़ी से उतरे तो बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी। इस दौरान गनर को भी गोली लग गई और उसकी भी मौत हो गई। यह पूरी वारदात CCTV कैमरे में कैद हो गई थी।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने माफियाओं के मिट्टी में मिलाने की कही थी बात
उत्तर प्रदेश में हुए इस हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी। मुख्यमंत्री ने कहा था, "माफिया किसी भी पार्टी का हो, हमारी सरकार उसकी कमर तोड़ने का काम जारी रखेगी। हम माफियाओं को राज्य में पनपने नहीं देंगे और उन्हें मिट्टी में मिला देंगे।" इस एनकाउंटर के बाद मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार और भाजपा नेता शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री की चेतावनी को दोहराया है।
भाजपा नेता ने दोहराई मुख्यमंत्री की चुनौती
27 फरवरी को हुआ था पहला एनकाउंटर
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक अन्य आरोपी अरबाज 27 फरवरी को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि अरबाज नेहरू पार्क में छिपा है। पार्क में ही अरबाज ने पुलिस टीम पर गोली चलाई, जिससे एक सिपाही जख्मी हो गया। जवाबी कार्रवाई में अरबाज के पैर और सीने में गोली लगी। पुलिस अरबाज को गंभीर अवस्था में अस्पताल लेकर पहुंची, जहां उसकी मौत हो गई।
क्या है बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मामला?
25 जनवरी, 2005 को इलाहाबाद पश्चिम से बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप अतीक अहमद पर लगा। दरअसल, राजू पाल ने विधानसभा चुनाव में अतीक अहमद के भाई को हराया था। इस मामले में अतीक अहमद मुख्य आरोपी था। इस कांड की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही थी, जिसमें उमेश पाल मुख्य गवाह था। इसी के चलते उमेश पाल की हत्या की गई। अतीक फिलहाल जेल में बंद है।