उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
क्या है खबर?
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद को प्रयागराज कोर्ट ने दोषी ठहराया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में कोर्ट ने अतीक, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया।
कोर्ट ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 5,000-5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
उमेश का 28 फरवरी, 2006 को अपहरण हुआ था, जिसका आरोप अतीक और उसके साथियों पर लगा था।
सुनवाई
कोर्ट ने 7 आरोपियों को किया बरी
प्रयागराज कोर्ट में पिछले 17 सालों से अपहरण का यह मामला लंबित था। कोर्ट ने मामले में 7 आरोपियों को बरी कर दिया है, जिनमें अतीक का भाई अशरफ भी शामिल है।
कोर्ट ने अपने फैसले में 3 दोषियों को पीड़ित परिवार को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर के बाहर बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हुए थे। उन्होंने दोषियों को फांसी दिये जाने की मांग की।
परिजन
कोर्ट के फैसले पर क्या बोलीं उमेश की मां?
अतीक को आजीवन कारावास की सजा मिलने पर उमेश की मां शांति देवी ने प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, "मेरा बेटा शेर की तरह लड़ाई लड़ता रहा। जब उसे (अतीक) लगा कि वह नहीं बच पाएगा, तब उसने 17-18 साल बाद मेरे बेटे की जेल में बंद होते हुए हत्या करवा दी। कोर्ट मेरे बेटे की हत्या पर उसे फांसी की सजा सुनाता तो अच्छा होता, वह पैसों के बल पर आगे कुछ भी कर सकता है।"
परिजन
उमेश की पत्नी जया बोलीं- अतीक के आतंक पर लगे अकुंश
मामले पर उमेश की पत्नी जया देवी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और सरकार से अतीक के आतंक पर अंकुश लगाने की अपील की है।
उन्होंने कहा, "जब तक अतीक, उसके भाई और बेटे को खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक यह आतंक चलता रहेगा। मैं न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करती हूं। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चाहूंगी कि अतीक को खत्म किया जाए, जिससे उसके आतंक पर भी अंकुश लगे।"
मामला
क्या है मामला?
BSP विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश का साल 2006 में अतीक और उसके साथियों ने अपहरण कर लिया था।
हालांकि, उमेश को बाद में छोड़ दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने 2007 में अतीक और उसके साथियों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था।
मामले में अतीक का भाई अशरफ भी आरोपी थी, लेकिन कोर्ट ने उसको बरी कर दिया है।
हत्या
पिछले महीने हो गई थी उमेश पाल की हत्या
राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में हत्या कर दी गई थी। उनकी सुरक्षा में लगे 2 गनर गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनमें से एक की उसी दिन और दूसरे की 1 मार्च को इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
घटना के समय उमेश जिला कोर्ट से अपने घर जा रहे थे और इसी दौरान कुछ हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं।
हत्याकांड
क्या है BSP विधायक राजू पाल की हत्या का मामला?
25 जनवरी, 2005 को इलाहाबाद पश्चिम से BSP विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप अतीक अहमद पर लगा था। दरअसल, राजू पाल ने विधानसभा चुनाव में अतीक के भाई अशरफ को हराया था। इस मामले में अतीक मुख्य आरोपी है।
इस कांड की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही थी, जिसमें उमेश मुख्य गवाह था। इसी के चलते उमेश की हत्या की गई। अतीक फिलहाल जेल में बंद है।