खालिस्तानी संगठन की हेमंत बिस्वा सरमा को धमकी, बोले- सरकार से लड़ाई, बीच में न आएं
क्या है खबर?
खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की ओर से असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा को धमकी दी गई है। उन्हें खालिस्तान और अमृतपाल के मामले में दखल न देने की चेतावनी दी गई है।
बता दें कि अमृतपाल सिंह पर हुई कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किए गए उसके समर्थकों को असम के डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। इसी कारण सरमा को ये धमकी दी गई है।
धमकी
12 पत्रकारों के जरिए दी गई धमकी
सरमा को धमकी देने के लिए असम के करीब 12 पत्रकारों को फोन किए गए।
फोन करने वाले शख्स ने कहा, "असम में कैद खालिस्तान समर्थकों को प्रताड़ित किया गया है। सरमा इस बात को ध्यान से सुनें। खालिस्तान समर्थकों की लड़ाई भारत सरकार और मोदी से है। ऐसा न हो कि सरमा इस हिंसा का शिकार हो जाएं।"
फोन पर ये भी कहा गया कि असम सरकार अगर अमृतपाल समर्थकों को प्रताड़ित करेगी तो इसकी जवाबदारी सरमा की होगी।
जानकारी
हम पंजाब की मुक्ति की मांग कर रहे, बीच में न आएं- SFJ
फोन करने वाले ने कहा, "हम खालिस्तान पर जनमत संग्रह कराकर और शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से पंजाब की मुक्ति की मांग कर रहे हैं। अगर असम सरकार अमृतपाल के सहयोगियों को प्रताड़ित कर रही है तो इसका जिम्मेदार आपको ठहराया जाएगा।"
जेल
डिब्रूगढ़ जेल में रखे गए हैं अमृतपाल के समर्थक
पुलिस ने अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के बाद उसके 6 समर्थकों को असम के डिब्रूगढ़ स्थित केंद्रीय जेल में रखा है। इनमें सरबजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह गिल और बसंत सिंह शामिल हैं।
21 मार्च को अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह के आत्मसमर्पण करने के बाद उन्हें भी डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था। पुलिस उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच पंजाब से डिब्रूगढ़ लेकर गई थी।
sjf
क्या है SJF?
SJF एक खालिस्तानी संगठन है। साल 2007 में अमेरिका में इस संगठन की स्थापना हुई थी। इसका मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू पेशे से वकील है और संगठन का सारा कामकाज देखता है।
इस संगठन का उद्देश्य पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान नामक देश बनाने का है।
मई, 2022 में हिमाचल विधानसभा के दरवाजे पर खालिस्तानी झंडा फहराने का आरोप भी इस संगठन पर लगा था।
जुलाई, 2019 में केंद्र सरकार ने SFJ पर प्रतिबंध लगा दिया था।
तलाश
15 दिन से अमृतपाल की तलाश में पुलिस
'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल की तलाश में पंजाब पुलिस 15 दिन से जुटी हुुई है। इस दौरान अमृतपाल पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ठिकाने बदल चुका है।
इस बीच उसकी कई CCTV फुटेज भी सामने आई हैं। 30 मार्च को अमृतपाल ने वीडियो जारी कर कहा था कि वह आत्मसमर्पण नहीं करेगा।
अमृतपाल 18 मार्च को पुलिस द्वारा वारिस पंजाब दे संगठन के सदस्यों पर कार्रवाई के बाद से ही फरार है।
रिहाई
348 लोगों को रिहा कर चुकी है पुलिस
अमृतपाल पर कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 360 लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें से 348 को रिहा किया जा चुका है।
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने राज्य सरकार को पुलिस कार्रवाई के दौरान पकड़े गए सभी सिख युवकों को रिहा करने का अल्टीमेटम दिया था।
इसके बाद पुलिस ने लोगों की रिहाई की जानकारी दी थी और कहा था कि बाकी लोगों को भी जल्द रिहा किया जाएगा।