लंदन में खालिस्तानी प्रदर्शन का अगुवा अवतार सिंह असल में आतंकी संगठन KLF का प्रमुख- रिपोर्ट
क्या है खबर?
खालिस्तान समर्थकों द्वारा लंदन में भारतीय दूतावास के सामने किए गए प्रदर्शन में एक अहम खुलासा हुआ है।
प्रदर्शन की अगुवाई करने वाला अवतार सिंह खांडा उर्फ आजाद असल में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) का प्रमुख रणजोध सिंह है।
बतौर रिपोर्ट्स, खांडा पिछले कई वर्षों से ब्रिटेन में रहकर दोहरी जिंदगी जी रहा है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, खांडा ने लोगों को गलतफहमी में डालने के लिए दो रूप बना लिए थे।
परिचय
अमृतपाल सिंह का गुरू माना जाता है खांडा
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, खांडा का मुख्य उद्देश्य पंजाब के अलावा यूनाइटेड किंगडम (UK), कनाडा, अमेरिका, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भारत के खिलाफ और खालिस्तान के समर्थन में युवाओं को कट्टरपंथी बनाना है।
खांडा KLF का प्रमुख होने के अलावा 'वारिस पंजाब दे' संगठन का संस्थापक सदस्य भी है और पहले भी कई बार कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल रहा है।
उसे कथित तौर पर संगठन के मौजूदा प्रमुख अमृतपाल सिंह का गुरू भी माना जाता है।
रिपोर्ट
खांडा के पिता भी थे KLF के आतंकी
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, खांडा के पिता कुलवंत सिंह खुकराना भी KLF के आतंकी थे, जिन्हें वर्ष 1991 में सुरक्षाबलों ने पंजाब में एक एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था।
रिपोर्ट के अनुसार, खांडा के फेसबुक पर अवतार सिंह आजाद और रणजोध सिंह के नाम से दो प्रोफाइल मौजूद हैं।
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, खांडा खालिस्तान की अपनी मांग को लेकर पंजाब समेत भारत के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की योजना पर काम कर रहा है।
केस
दिल्ली पुलिस की FIR में आया था खांडा का नाम
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में अमृतपाल सिंह पर हुई कार्रवाई के विरोध में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हुए विरोध प्रदर्शन के मामले में FIR दर्ज की थी। इसमें भी खांडा को नामजद किया गया है।
विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा था और मामले में भारतीय दंड सहिंता (IPC) के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
प्रदर्शन
क्या है लंदन में प्रदर्शन का मामला?
अमृतपाल और उसके संगठन के खिलाफ भारत में जारी कार्रवाई के विरोध में खालिस्तान समर्थकों ने 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया था। इस दौरान उच्चायोग की इमारत पर लगे तिरंगे को उतारने की कोशिश भी की गई थी।
इसके बाद भारतीय समुदाय के लोग खालिस्तानी समर्थकों का विरोध करने और तिरंगे के समर्थन में उच्चायोग के बाहर जमा हुए थे। उन्होंने 'जय हो' गीत पर नाच-गाना भी किया था।