पंजाब: अमृतपाल सिंह को हिरासत में लिया गया, पूरे राज्य में रविवार तक इंटरनेट बंद
पंजाब पुलिस ने 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को हिरासत में लिया है। उनके 6 साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। बरनाला, फिरोजपुर, संगरूर, बठिंडा, फाजिल्का और मुक्तसर में धारा 144 लगा दी गई है। बता दें, खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर तीन मामले दर्ज हैं। पुलिस लंबे समय से अमृतपाल को गिरफ्तार करने की तैयारियों में जुटी थी।
काफिले का पीछा कर पुलिस ने 6 लोगों को पकड़ा
पुलिस को सूचना मिली थी कि आज अमृतपाल शाहकोट-मलसियां इलाके में कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं। इसके बाद पुलिस सुबह से ही अमृतपाल के काफिले के पीछे पड़ी थी। तीन कारों में अमृतपाल का काफिला जब शाहकोट के पास पहुंचा तो पुलिस ने उसे घेर लिया। पुलिस ने 2 गाड़ियों में सवार 6 लोगों को पकड़ लिया, जबकि तीसरी गाड़ी में अमृतपाल सिंह फरार हो गये। आरोपियों के पास से हथियार भी मिले हैं।
पंजाब में रविवार दोपहर तक इंटरनेट बंद
अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे पंजाब में इंटरनेट और टैक्स्ट मैसेज सुविधा रविवार दोपहर 12 बजे तक बंद कर दी गई है। इस दौरान मोबाइल पर केवल बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज से जुड़े मैसेज ही आएंगे।
मोहाली में अमृतपाल के समर्थन में उतरे लोग
अमृतपाल की गिरफ्तारी के विरोध में मोहाली में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर इंसाफ मोर्चा में करीब 150 निहंग सिखों ने हाथों में तलवार और डंडे लेकर जुलूस निकाला। इस बीच पंजाब पुलिस ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने ट्वीट कर लिखा, 'पंजाब पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम कर रही है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं और फर्जी समाचार या अभद्र भाषा न फैलाएं।'
अमृतपाल के गांव को पुलिस ने सील किया
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसके पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में पुलिस बल और अर्धसैनिक बल को तैनात कर दिया गया है। पुलिस हर आने-जाने वाले व्यक्ति की चेंकिग कर रही है। गांव से किसी को भी बाहर निकलने और अंदर जाने की इजाजत नहीं है। पंजाब में कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को अलर्ट पर रखा गया है। गृह मंत्रालय लगातार पंजाब सरकार के संपर्क में है।
अमृतपाल के समर्थन में आए सांसद सिमरनजीत सिंह
संगरूर से सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने कहा, "खालसा वीहिर को हटाना और इंटरनेट सेवाओं को बंद करना लोगों के बीच तनाव पैदा कर रहा है। लोग परेशान हो रहे हैं और हम इसकी निंदा करते हैं।"
मुख्यमंत्री मान ने कानून का राज बहाल किया- मंत्री बलबीर सिंह
अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई पर पंजाब के मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कानून का राज बहाल किया है। उन्होंने कहा, "चाहे अपने वाला हो या कोई और हो, कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। ऐसा नहीं है कि लोग जहरीली शराब से मर गए और कोई जिम्मेदार नहीं है। कानून का राज इसे ही कहते हैं।"
अमृतपाल ने गृहमंत्री अमित शाह को दी थी धमकी
अमृतपाल अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को धमकी देते हुए कहा था कि उनका भी वही हाल होगा, जो इंदिरा गांधी का हुआ था। अमृतपाल ने पिछले साल समर्थकों के साथ जालंधर के मॉडल टाउन गुरुद्वारे की कुर्सियां और सोफे फाड़ दिए थे। उनका कहना था कि इंसान गुरुग्रंथ साहिब के बराबर नहीं बैठ सकते और ये धर्म के खिलाफ है।
समर्थकों ने थाने पर किया था हमला
इसी साल 23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। हाथों में बंदूक और तलवार लिए ये लोग अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इस हमले में कई पुलिस वालों और प्रदर्शनकारियों के घायल होने की खबर भी आई थी। बाद में पंजाब पुलिस ने लवप्रीत सिंह को रिहा करने का ऐलान कर दिया था।
'वारिस पंजाब दे' संगठन पर जारी है कार्रवाई
इससे पहले पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के साथी गुरिंदर सिंह को अमृतसर के गुरु रामदास एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। गुरिंदर देश छोड़कर भागने की तैयारी में था। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। वहीं, पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के 9 साथियों के हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए थे। पुलिस की ओर से कहा गया था कि इन हथियारों का इस्तेमाल आत्मरक्षा की बजाय निजी सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।
कौन है अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल सिंह का जन्म अमृतसर के जादूखेड़ा गांव में हुआ है। शुरुआती पढ़ाई के बाद वे दुबई चले गए और ट्रांसपोर्ट का कामकाज करने लगे। वे पिछले साल ही दुबई से लौटे हैं और अपनी दमदार भाषण शैली की वजह से जल्द ही लोकप्रिय हो गए। उन्हें पिछले साल ही 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख चुना गया था। अमृतपाल सिंह की तुलना खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले से भी की जाती है और उन्हें 'भिंडरांवाले 2.0' कहा जाता है।