जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में 12-17 आयुवर्ग पर वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी मांगी
अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) ने भारत में 12-17 आयुवर्ग पर अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मांगी है। कंपनी ने इसके लिए 17 अगस्त को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) के पास आवेदन भेजा था। यहां से मंजूरी मिलने के बाद कंपनी अपनी एक खुराक वाली वैक्सीन जेनसेन का 12-17 साल के बच्चों और किशोरों पर ट्रायल कर सकेगी। बता दें कि जेनसेन को इसी महीने भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
"बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने की दिशा में हो रहा काम"
मिरर नाउ से बात करते हुए कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने 17 अगस्त को CDSCO से 12-17 आयुवर्ग पर वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी मांगी है। उन्होंने कहा कि हर्ड इम्युनिटी को प्राप्त करने के लिए बच्चों में वैक्सीन के ट्रायल जरूरी हैं। कंपनी 18 वर्ष से कम उम्रवर्ग के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है।
एक खुराक वाली चुनिंदा वैक्सीनों में शामिल है जेनसेन
जॉनसन एंड जॉनसन की जेनसेन एक खुराक वाली चुनिंदा वैक्सीनों में शामिल है। कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए इस वैक्सीन की एक ही खुराक काफी है और दूसरी की जरूरत नहीं पड़ती। अमेरिका, यूरोपीय संघ, थाईलैंड और दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में इस वैक्सीन को आपात उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है और इसका इस्तेमाल भी किया जा रहा है। तीसरे चरण के ट्रायल में 85 फीसदी प्रभावी पाई गई थी।
डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित हुई जेनसेन
J&J ने बीते महीने कहा कि कि उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट को निष्क्रिय कर सकती है और उसके खिलाफ मजबूत एंटीबॉडीज विकसित करती है। कंपनी ने बताया कि उसकी एक खुराक वाली वैक्सीन जेनसेन के लाभार्थियों में कोरोना वायरस के डेल्टा समेत सभी वेरिएंट्स के खिलाफ कम से कम से आठ महीनों तक मजबूती एंटीबॉडीज पाई गईं। एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल इस वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत नहीं पड़ेगी।
भारत में अगले महीने आ सकती है बच्चों के लिए वैक्सीन
भारत में अगले महीने 18 साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन के 2-18 साल आयुवर्ग पर दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं और जल्द ही इनके नतीजे सामने होंगे। वैक्सीन की मंजूरी के लिए ये नतीजे नियामक संस्था को सौंपे जाएंगे। उम्मीद है कि सितंबर या इसके तुरंत बाद कोवैक्सिन को बच्चों पर इस्तेमाल की अनुमति मिल जाएगी।
जायडस कैडिला ने किया हुआ है आवेदन
बच्चों के लिए जायडस कैडिला की वैक्सीन को भी जल्द मंजूरी मिल सकती है। फिलहाल कंपनी ने इसकी मंजूरी के लिए आवेदन किया हुआ है और हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही है। यह वैक्सीन भी सितंबर तक उपलब्ध होने की उम्मीद है।
देश में वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 57,22,81,488 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 54,71,282 खुराकें लगाई गईं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अब तक 44,44,86,031 लोगों को पहली और 12,77,95,457 लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराकें दी गई हैं। सरकार ने दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है, जो मौजूदा रफ्तार से काफी मुश्किल लग रहा है।