कोरोना वायरस: इंसानी ट्रायल में कहां तक पहुंची सबसे आगे चल रहीं कुछ संभावित वैक्सीन्स?
कोरोना वायरस की वैक्सीन के इंतजार में बैठी दुनिया को जल्द ही अच्छी खबर मिल सकती है। कई वैक्सीन्स ऐसी हैं, जिनका अंतिम चरण का ट्रायल जारी है। अगर सब कुछ उम्मीद के मुताबिक रहा तो साल के अंत तक एक से अधिक वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। भारत में दो स्वदेशी वैक्सीन समेत कई वैक्सीन्स के ट्रायल चल रहे हैं। आइये, एक नजर डालते हैं कि रेस में सबसे आगे चल रही कुछ वैक्सीन्स अब तक कहां पहुंची हैं?
तीसरे चरण में है ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की संभावित वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट द्वारा फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर तैयार की जा रही संभावित वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में पहुंच गई है। भारत में कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ मिलकर इसके तीसरे चरण के ट्रायल कर रही है। नवंबर-दिसंबर तक इसके नतीजे सामने आ जाएंगे। SII के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश जाधव ने कहा कि अगले साल मार्च तक भारत में वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है।
फाइजर की वैक्सीन कहां पहुंची?
फार्मा कंपनी फाइजर जर्मन कंपनी बायोनटेक के साथ मिलकर कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन पर काम कर रही है। शुक्रवार को कंपनी ने बताया कि वह नवंबर के अंत में अमेरिका में आपातकालीन मामलों के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी पाने की कोशिश करेगी। सुरक्षा डाटा उपलब्ध होते ही कंपनी इसके लिए आवेदन कर देगी। फिलहाल कंपनी की BNT162b2 नामक वैक्सीन के अमेरिका में तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं। इसके नतीजे जल्द ही सामने होंगे।
मॉ़डर्ना की mRNA-1273 वैक्सीन भी तीसरे चरण में
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना अपनी mRNA-1273 के तीसरे चरण के ट्रायल कर रही है। जुलाई में ये ट्रायल शुरू हुए थे। शुरुआती चरण के नतीजों में पता चला है कि यह वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग लोगों तक में इस वैक्सीन से कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा देखी गई है। कंपनी का कहना है कि अगर इसे हरी झंडी मिलती है तो वह 2021 से हर साल इसकी 50 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी।
जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का ट्रायल रूका
ट्रायल में शामिल एक शख्स के बीमार पड़ने के बाद अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के इंसानी ट्रायल को रोक दिया है। कंपनी ने बयान जारी कर बताया, "ट्रायल में शामिल एक शख्स में बीमारी देखे जाने के बाद हमने अपनी कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल समेत क्लिनिकल ट्रायल में शामिल सभी लोगों को और खुराक देना अस्थाई तौर पर रोक दिया है।" अब एक स्वतंत्र समिति इसकी समीक्षा करेगी।
चीन में तीन वैक्सीन तीसरे चरण में
चीन की सरकारी फार्मा कंपनी चाइना नेशनल फार्मास्यूटिकल ग्रुप (सिनोफार्मा) और अमेरिका में लिस्टेड कंपनी सिनोवैक बायोटेक मिलकर आपातकालीन इस्तेमाल कार्यक्रम के तहत तीन संभावित वैक्सीन विकसित करने के काम में जुटी हैं। इनके अलावा कैनसिनो बायोलॉजिक्स चौथी संभावित वैक्सीन पर काम कर रही है। इनमें से तीन वैक्सीन ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। यहां पर बिना ट्रायल पूरा हुए भी बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा रही है।
स्पूतनिक-V के भारत में दूसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी
रूस द्वारा तैयार की गई कोरोना वायरस की वैक्सीन स्पूतनिक-V के भारत में दूसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने इन वैक्सीन के लिए रूस के साथ समझौता किया है। भारत में नियामकीय मंजूरी मिलने के बाद रूस डॉ रेड्डीज को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक मुहैया कराएगा। हालंकि, भारत में इसके उपलब्ध होने में अभी काफी समय लग सकता है।
दूसरे चरण में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा तैयार की जा रही कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन कोवैक्सिन ने सितंबर में सफलतापूर्वक पहला चरण पार कर लिया था। अब 380 वॉलेंटियरों पर इसका दूसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। पहले चरण में 375 स्वस्थ वॉलेंटियरों पर इसका ट्रायल किया गया था। उसमें मिले शानदार नतीजों के आधार पर दूसरे चरण में वॉलेंटियरों की संख्या कम रखी गई है। इससे यह चरण जल्दी पूरा होगा और अगले चरण के ट्रायल शुरू हो सकेंगे।
दूसरी स्वदेशी वैक्सीन भी दूसरे चरण में
अहमदाबाद स्थित फार्मा कंपनी जाइडस-कैडिला एक और स्वदेशी संभावित वैक्सीन ZyCoV-D पर काम कर ही है। पहले चरण में वैक्सीन ने शानदार नतीजे दिए हैं। अब देश में कई जगहों पर इसके दूसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं।