केरल: 1 से 20 अगस्त के बीच आ सकते हैं 4.6 लाख कोरोना मामले- केंद्रीय टीम
केरल में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति का जायजा लेने गई छह सदस्यीय केंद्रीय टीम ने कहा है कि राज्य में 1 अगस्त से 20 अगस्त के बीच 4.6 लाख नए मामले सामने आ सकते हैं। इसका मतलब राज्य में रोजाना कोरोना के औसतन 23,000 नए मामले सामने आ सकते हैं। केंद्रीय टीम ने राज्य में वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवा चुके लोगों के भी संक्रमित होने पर चिंता व्यक्त की है।
लगातार बढ़ रही संक्रमण दर, 0.8 से 1.2 पर पहुंची
केंद्रीय टीम के प्रमुख और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के निदेशक डॉ सुरजीत सिंह ने बताया कि केरल में संक्रमण दर (R वैल्यू) लगातार बढ़ती जा रही है और यह 1 जून को 0.8 के स्तर से बढ़कर अभी 1.2 हो गई है। उन्होंने कहा, "अगर इस ट्रेंड को देखें तो राज्य में 1 अगस्त से 20 अगस्त के बीच 4.62 लाख नए कोविड मामले देखने को मिल सकते हैं।"
10 से 14 प्रतिशत के बीच बनी हुई है टेस्ट पॉजिटिविटी रेट
केरल में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट भी कम होने का नाम नहीं ले रही है और ये 10 से 14 प्रतिशत के बीच बनी हुई है। इसका मतलब हर 100 टेस्ट पर राज्य में 10-14 लोगों को संक्रमित पाया जा रहा है। कुछ इलाकों में तो पॉजिटिविटी रेट 15-20 प्रतिशत है। राज्य में बेडों की उपलब्धता भी कम होती जा रही है। जहां दक्षिणी जिलों में 40-60 प्रतिशत बेड भर चुके हैं, वहीं उत्तरी इलाकों में यह आंकड़ा 70-90 प्रतिशत है।
ज्यादातर ICU और वेंटीलेटर्स भी इस्तेमाल में
केरल में ICU और वेंटीलेटर्स की उपलब्धता भी कम होती जा रही है और सबसे अधिक प्रभावित मलप्पुरम जिले में 74 से 85 प्रतिशत ICU और वेंटीलेटर्स इस्तेमाल में हैं। 25-30 प्रतिशत मौतें अस्पताल में भर्ती होने के 72 घंटे के अंदर हो रही हैं।
एक ही जिले में हजारों लोग वैक्सीन लगने के बाद भी हुए संक्रमित
केरल में वैक्सीन लगवा चुके लोगों का बड़ी संख्या में संक्रमित होना एक और चिंताजनक बात है। डॉ सुरजीत के अनुसार, अकेले पथानामथिट्टा जिले में पहली खुराक लगवाने के बाद 14,974 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं दोनों खुराक लगवाने के बाद 5,042 लोग संक्रमित हो चुके हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, इसकी जांच की जा रही है। नए मामलों में 80 प्रतिशत मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं जो वैक्सीन को चकमा दे सकता है।
केरल सरकार की ये गलतियां आईं सामने
केंद्रीय टीम ने अपनी रिपोर्ट में केरल सरकार की गलतियों को भी उजागर किया है। राज्य में बहुत कम कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग हो रही है और एक संक्रमित पर मात्र 1.2 से 1.7 संपर्कों की ट्रेसिंग की जा रही है। इसके अलावा राज्य में कंटेनमेंट जोन भी केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार नहीं बनाए जा रहे हैं। राज्य में 80 प्रतिशत मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है, लेकिन इसमें भी गाइडलाइंस का पालन नहीं हो रहा।
केंद्रीय टीम ने किया था आठ सबसे अधिक प्रभावित जिलों का दौरा
बता दें कि केरल में लगातार बढ़ी संख्या में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने यहां NCDC निदेशक डॉ सुरजीत के नेतृत्व में एक छह सदस्यीय टीम भेजी थी। इस टीम ने राज्य के आठ सबसे अधिक प्रभावित जिलों का दौरा किया और इसके आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की। इन जिलों में कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, मलप्पुरम, अलाप्पुझा, कोल्लम, पठानमथिट्टा और तिरुवनंतपुरम आदि जिले शामिल हैं।
केरल में अभी क्या है महामारी की स्थिति?
पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से केरल में देश में सबसे अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से तो यहां रोजाना औसतन 20,000 से अधिक नए मामले आ रहे हैं जो राष्ट्रीय मामलों के लगभग 50 प्रतिशत हैं। राज्य की टेस्ट पॉजिटिविटी रेट भी 10 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। केरल में अभी तक कुल 35,86,693 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 18,004 लोगों की मौत हुई है।