डेल्टा वेरिएंट को निष्क्रिय करने में कामयाब रही जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन
अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) ने कहा है कि उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट को निष्क्रिय कर सकती है और उसके खिलाफ मजबूत एंटीबॉडीज विकसित करती है। कंपनी ने बताया कि उसकी एक खुराक वाली वैक्सीन के लाभार्थियों में कोरोना वायरस के डेल्टा समेत सभी वेरिएंट्स के खिलाफ कम से कम से आठ महीनों तक मजबूती एंटीबॉडीज पाई गईं। एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल इस वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्यों खतरनाक है डेल्टा वेरिएंट?
भारत में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट दुनिया के 100 से अधिक देशों में फैल चुका है। ब्रिटेन और सिंगापुर में 90 प्रतिशत मरीज इस वेरिएंट से संक्रमित पाए जा रहे हैं। जल्द ही यह अमेरिका में प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बन सकता है। डेल्टा अब तक मिले सभी वेरिएंट्स से संक्रामक है और यह मरीजों को अधिक बीमार करता है। इस कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ती है।
कंपनी ने कहा- बूस्टर खुराक की नहीं पड़ेगी जरूरत
J&J की वैक्सीन जेनसेन शुरुआत में फाइजर और मॉडर्ना की mRNA तकनीक से बनी वैक्सीनों की तुलना में कम सुरक्षा दे रही थी। इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने कहा था कि कुछ लोगों को लंबे समय तक सुरक्षित रहने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है। अब कंपनी के वैक्सीन प्रमुख योहान वान हूफ ने उम्मीद जताई कि फिलहाल जेनसेन के लाभार्थियों को बूस्टर डोज की जरूरत नहीं पड़ेगी और वो सभी वेरिएंट्स से सुरक्षित रहेंगे।
खुराक लेने के 29 दिन बाद डेल्टा को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडीज
हूफ ने कहा कि जेनसेन की खुराक ले चुके लोगों को कम से कम एक साल तक बूस्टर डोज की जरूरत नहीं होगी। अगर जरूरत पड़ती भी है तो कंपनी को इसका फॉर्मूला बदलने की आवश्यकता नहीं लगती। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि वैक्सीन की खुराक लेने के 29 दिन बाद बनी एंटीबॉडीज ने डेल्टा को निष्क्रिय कर दिया। बाद के दिनों में एंटीबॉडीज की सुरक्षा और मजबूत होती गई।
बीटा की तुलना में डेल्टा के खिलाफ बनती है ज्यादा एंटीबॉडीज
आंकड़ों में पता चलता है कि कंपनी की वैक्सीन सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिले बीटा वेरिएंट की तुलना में डेल्टा के खिलाफ ज्यादा एंडीबॉडीज विकसित करती है। कंपनी ने कहा कि उसकी वैक्सीन की दूसरी खुराक एंटीबॉडीज की संख्या बढ़ाने में मदद करती है। फिलहाल कंपनी वैक्सीन की दो खुराकों का ट्रायल कर रही है और अगस्त तक इसके आंकड़े सामने आएंगे। ट्रायल में वैक्सीन की टी सेल बनाने की योग्यता का भी अध्ययन किया जा रहा है।
इस महीने भारत आ सकती है J&J वैक्सीन
J&J की कोरोना वायरस वैक्सीन जेनसेन इस महीने भारत आ सकती है। एसोसिएशन ऑफ हेल्थेकर प्रोवाइडर (इंडिया) इसे लेकर कंपनी के साथ बातचीत कर रहा है। बताया जा रहा है कि कंपनी यूरोपीय संघ में अपने रिजर्व से वैक्सीन भारत भेजेगी। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर देश के 10,000 छोटे-बड़े अस्पतालों का प्रतिनिधित्व करता है और इसने जॉनसन एंड जॉनसन से उसकी एक खुराक वाली वैक्सीन 10 करोड़ खुराकें खरीदने की इच्छा जताई है।
बायो ई के साथ काम कर रही J&J
मई में जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने के लिए हैदराबाद स्थित भारतीय कंपनी बायोलॉजिकल ई के साथ हाथ मिलाया था। उस वक्त अमेरिकी कंपनी ने इस साझेदारी पर बयान जारी कर कहा था, "जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने के लिए बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ काम कर रही है। हमें उम्मीद है कि बायोलॉजिक ई हमारे वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति नेटवर्क का एक अहम हिस्सा होगी।"