नई संसद की कालीनों को बनाने के लिए 900 बुनकरों ने 10 लाख घंटे किया काम
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पारंपरिक रीति-रिवाजों के बीच नए संसद भवन का उद्घाटन किया।
नई संसद के दोनों सदनों- राज्यसभा और लोकसभा के फर्श पर हाथ से बने गए कालीन बिछाए गए हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश के 900 से अधिक कारीगरों ने करीब 10 लाख घंटे तक काम करके तैयार किया।
वहीं राज्यसभा और लोकसभा में बिछाए गए कालीनों पर क्रमशः राष्ट्रीय फूल कमल और राष्ट्रीय पक्षी मोर के डिजाइन बनाए गए हैं।
तैयारी
प्रत्येक सदन के लिए बनाए गए 150 से अधिक कालीन
नई संसद में बिछाए गए कालीनों को 100 वर्ष पुरानी कंपनी ओबीटी कार्पेट्स लिमिटेड ने तैयार किया है।
कंपनी ने बताया कि उसके बुनकरों ने लोकसभा और राज्यसभा के लिए 150-150 से अधिक कालीन तैयार किए थे, जिसके बाद उन सभी कालीनों को आपस में सिलकर एक अर्धवृत्त कालीन तैयार की गई है।
गौरतलब है कि दोनों सदनों का फर्श अर्धवृत्त आकार का है, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 35,000 वर्ग फुट क्षेत्र है।
कालीन
दोनों सदनों की कालीनों में डाली गईं 60 करोड़ से अधिक गांठें
कंपनी के अध्यक्ष रुद्र चटर्जी ने बताया, "बुनकरों को 17,500 वर्ग फुट के प्रत्येक हॉल के लिए कालीन तैयार करना था। इसने डिजाइन टीम के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की क्योंकि उन्हें सावधानीपूर्वक अलग-अलग टुकड़ों में कालीन बनानी थी और बाद में उन्हें एक साथ जोड़ना था।"
उन्होंने आगे बताया कि 120 गांठें प्रति वर्ग इंच के हिसाब से दोनों कालीनों में 60 करोड़ से अधिक गांठें डाली गई हैं।
तैयारी
कालीनों की बुनाई करने में लगा 7 महीने का समय
चटर्जी ने आगे बताया कि कोरोना वायरस महामारी के बीच में कालीन बनाने का कार्य शुरू किया गया था। सितंबर, 2021 में शुरू हुई बुनाई की प्रक्रिया मई, 2022 तक खत्म हो गई, जिसके बाद नवंबर, 2022 में इन्हें बिछाना शुरू किया गया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मीरजापुर और भदोही जिलों के इन बुनकरों को कालीनों में 120 गांठें प्रति वर्ग इंच डालने में 7 महीने का समय लगा।
खासियत
क्या है नए संसद भवन की अन्य खासियतें?
नए संसद भवन का डिजाइन तिकोने आकार में है। इसमें लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने का इंतजाम है।
भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष बनाया गया है। संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, लाइब्रेरी, कैंटीन, समिति कक्ष और पार्किंग उपलब्ध है।
नए संसद भवन में 3 प्रमुख प्रवेश द्वार बनाए गए हैं, जिनका नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखा गया है।