
संसद परिसर में सांसदों के धरने और प्रदर्शनों पर रोक, विपक्ष का सरकार पर निशाना
क्या है खबर?
शुक्रवार को राज्यसभा सचिवालय ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन, धरना, उपवास और धार्मिक आयोजन करने पर रोक लगा दी है।
एक सर्कुलर में कहा गया है कि सांसद संसद भवन परिसर को धरने, प्रदर्शन, हड़ताल, उपवास और धार्मिक आयोजन करने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। विपक्ष ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए राज्यसभा के सभापति और लोकसभा स्पीकर से हस्तक्षेप की मांग की है।
एक दिन पहले असंसदीय शब्दों की सूची को लेकर हंगामा हुआ था।
प्रतिक्रिया
विपक्ष का सरकार पर हल्ला बोल
राज्यसभा सचिवालय की तरफ से यह सर्कुलर सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर तंज कसा है।
वहीं वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा, 'जितनी निकम्मी सरकार, उतनी ही डरपोक। लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है, इस तरह के तानाशाही आदेश निकाल कर। संसद भवन परिसर में प्रोटेस्ट करना सांसदों का एक राजनीतिक अधिकार है जिसका हनन हो रहा है।'
जानकारी
क्या था असंसदीय शब्दों की सूची का मामला?
गुरुवार को लोकसभा सचिवालय ने ऐसे शब्दों की सूची जारी की थी जिनका संसद में इस्तेमाल करना असंसदीय माना जाएगा और इन्हें सदन की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग से हटा दिया जाएगा।
इन शब्दों में भ्रष्ट, नौटंकी और शर्मिंदा जैसे कई ऐसे शब्द शामिल हैं जिनका प्रयोग बेहद आम है और सरकार पर निशाना साधने के लिए विपक्षी सांसद अक्सर इनका इस्तेमाल करते हैं।
इसी कारण विपक्ष के कई सांसदों ने नए नियमों के लिए सरकार पर हमला बोला था।
जानकारी
किन शब्दों के उपयोग पर लगाया गया प्रतिबंध?
असंसदीय शब्द 2021 सूची में जिन शब्दों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धी, कोविड स्प्रेडर, स्नूपगेट (जासूसी कांड), शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए और पिट्ठू आदि शामिल हैं।
इसके अलावा बहरी सरकार, दोहरा चरित्र, दलाल, दादागिरी, दंगा, तानाशाह, तानाशाही, विनाश पुरुष, खालिस्तानी और खून की खेती आदि शब्दों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
शर्मिंदा, भ्रष्ट, निकम्मा, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, धोखा देना और अक्षम जैसे आम बोलचाल के शब्दों के उपयोग पर भी प्रतिबंध रहेगा।
प्रतिक्रिया
विपक्ष बोला- सरकार की आलोचना करने की क्षमता कमजोर होगी
विपक्ष ने असंसदीय शब्दों की इस नई सूची पर जबरदस्त आपत्ति जताई है और कहा है कि इससे सरकार की आलोचना करने की उसकी क्षमता कमजोर होगी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए इसे नए भारत की नई डिक्शनरी बताया और प्रतिबंधित किए गए शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सरकार की आलोचना की।
एक अन्य कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'मोदी सरकार की असलियत बताने वाले... सभी शब्दों को अब 'असंसदीय' माना जाएगा। अब आगे क्या विषगुरु?'
सफाई
लोकसभा स्पीकर ने दी सफाई
असंसदीय शब्दों की सूची को लेकर मचे विवाद के बीच कल शाम लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा है कि संसद में किसी भी शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और ये सूची ऐसे शब्दों का संकलन है जिन्हें अतीत में रिकॉर्ड से हटाया गया है।
उन्होंने कहा कि किसी भी शब्द को वाक्य का संदर्भ देखते हुए अंससदीय करार दिया जाता है और आगे भी ऐसा ही होता रहेगा।