सरकार ने संसद में बताया, पिछले 3 साल में 1.12 लाख दिहाड़ी मजदूरों ने की आत्महत्या
केंद्र सरकार ने संसद में बजट सत्र के दौरान जानकारी दी कि वर्ष 2019 से 2021 के बीच तीन साल में 1.12 लाख दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की। केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि 32,563 दिहाड़ी मजदूरों ने वर्ष 2019 में, 37,666 मजदूरों ने वर्ष 2020 में और 42,004 दिहाड़ी मजदूरों ने 2021 में खुदकुशी की। भूपेंद्र यादव लोकसभा में कांग्रेस सांसद एसयू थिरुनावुक्कारासरी के सवाल का जवाब दे रहे थे।
कोरोना महामारी के दौरान ज्यादा दिखा असर
वर्ष 2020 से 2021 तक कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया था, जिससे देश में बेरोजगारी का ज्यादा असर दिखा। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित दैनिक मजदूर हुए। सरकार ने बताया कि 2020 में 8,700 से अधिक लोगों, अधिकतर प्रवासी मजदूर, की मौत रेल पटरियों पर हुई, जबकि उस समय यात्री रेल सेवाएं न के बराबर थीं। यादव ने बताया कि 2019 से 2021 तक तीन साल में दिहाड़ी मजदूरों समेत 4.56 लाख लोगों ने खुदकुशी की।