
दलाई लामा के जन्मदिन समारोह में शामिल होंगे किरेन रिजिजू, उत्तराधिकारी पर चीन को दिया जवाब
क्या है खबर?
भारत ने कहा कि दलाई लामा के अलावा कोई भी उनके उत्तराधिकारी पर फैसला नहीं कर सकता है। इससे पहले चीन ने कहा था कि अगले दलाई लामा का चयन उसकी मंजूरी के बिना नहीं किया जा सकता है। विवाद के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को दलाई लामा के जन्मदिन समारोह में भेजने का फैसला लिया है।
बयान
रिजिजू बोले- उत्तराधिकारी पर किसी अन्य को अधिकार नहीं
समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए रिजिजू ने कहा, "दलाई लामा को मानने वाले सभी लोगों का मानना है कि अवतार का निर्णय स्थापित परंपरा और दलाई लामा की इच्छा के अनुसार होना चाहिए। उनके और मौजूदा परंपराओं के अलावा किसी और को इसका निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।" रिजिजू ने दलाई लामा को बौद्धों की 'सबसे महत्वपूर्ण और परिभाषित संस्था' बताते हुए कहा कि किसी अन्य को इतना महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।
समारोह
जन्मदिन समारोह में सरकार की ओर से शामिल होंगे रिजिजू
रिजिजू और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता ललन सिंह दलाई लामा के 90वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में शामिल होंगे। रिजिजू ने कहा, "यह पूरी तरह से धार्मिक अवसर है।" बता दें कि दलाई लामा का जन्मदिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 6 जुलाई को है। वहीं, तिब्बती कैलेंडर के अनुसार जन्मोत्सव 30 जून से शुरू हो गया है। जन्मदिन को धार्मिक समारोहों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जा रहा है।
उत्तराधिकारी
उत्तराधिकारी पर चीन ने क्या कहा था?
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी की पहचान पर्ची निकालने की प्रक्रिया से की जा सकती है। चीन ने कहा, "यह परंपरा तिब्बती बौद्ध धर्म का एक विशिष्ट रूप है और चीन की सरकार के 'धार्मिक विश्वासों की स्वतंत्रता' की नीति के अनुरूप है। उत्तराधिकारी का चयन चीनी कानून, धार्मिक परंपराओं और ऐतिहासिक कानून के तहत होना चाहिए। चयन की प्रक्रिया को सरकार द्वारा अनुमोदन के सिद्धांत का पालन करना होगा।"
चयन
दलाई लामा ने कहा- ट्रस्ट करेगा उत्तराधिकारी का चयन
तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक प्रमुख और 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर कहा था कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट ही अगला दलाई लामा चुनेगा और इसमें किसी भी व्यक्ति, संस्था या सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि उनकी मृत्यु के बाद ही नया उत्तराधिकारी बौद्ध परंपराओं के मुताबिक चुना जाएगा। उत्तराधिकारी के चयन में सरकार की भूमिका को चीन से जोड़कर देखा गया था।