तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने बताया उनकी मौत के बाद क्या कर सकता है चीन, जानें
क्या है खबर?
तिब्बत के बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने सोमवार को कहा है कि उनकी मौत के बाद चीन उनके उत्तराधिकारी के तौर पर अपना 'दलाई लामा' घोषित कर सकता है।
उन्होंने इस दौरान संभावना जताई कि उनका उत्तराधिकारी भारत से हो सकता है।
यह बात उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते वक्त कही।
बता दें कि चीन ने कहता है कि चीनी सम्राटों से प्राप्त विरासत के आधार पर उसे दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने का पूरा अधिकार है।
शरण
दलाई लामा के भारत में शरण लेने के 60 साल पूरे
बता दें कि रविवार को दलाई लामा के तिब्बत छोड़कर भारत में शरण लेने के 60 साल पूरे हुए हैं।
साल 1959 में चीनी सरकार के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद वह तिब्बत की राजधानी ल्हासा से एक सैनिक के भेष में भागे थे और भारत में शरण ली थी।
तभी से वह अपने देश तिब्बत की स्वायत्ता के लिए वैश्विक समर्थन जुटा रहे हैं।
वहीं 1950 में तिब्बत पर कब्जा करने वाला चीन उन्हें एक खतरनाक अलगाववादी मानता है।
बयान
अपना दलाई लामा थोपने की कोशिश कर सकता है चीन
उनकी मौत के बाद क्या हो सकता है, इस पर दलाई लामा ने कहा कि चीन तिब्बती बौद्धों पर खुद का उत्तराधिकारी थोपने की कोशिश कर सकता है।
उन्होंने कहा, "चीन दलाई लामा के पुनर्जन्म को बेहद महत्वपूर्ण मानता है। उन्हें मुझसे ज्यादा चिंता अगले दलाई लामा की है।"
उन्होंने कहा, "भविष्य में आप 2 दलाई लामा देख सकते हैं, एक यहां आजाद देश से और दूसरा चीन द्वारा चुना गया, लेकिन उसका सम्मान और भरोसा कोई भी नहीं करेगा।"
परंपरा
दलाई लामा की मौत के बाद बच्चे के शरीर में प्रवेश करती है उनकी आत्मा
तिब्बत की परंपरा के अनुसार, दलाई लामा की मौत के बाद उनकी आत्मा एक बच्चे के शरीर में प्रवेश करके पुनर्जन्म लेती है और उस बच्चे को दलाई लामा का अगला अवतार माना जाता है।
मौजूदा दलाई लामा को 1935 में उनके जन्म के 2 साल बाद पूर्ववर्ती दलाई लामा का अवतार घोषित किया गया था।
चीनी सरकार के दलाई लामा की तस्वीर लगाने पर प्रतिबंध के बावजूद 60 लाख से ज्यादा तिब्बतियों में से अधिकांश उनको मानते हैं।
दलाई लामा
तिब्बत के लोग चाहेंगे तो बना रहेगा दलाई लामा का पद
दलाई लामा ने इस दौरान कहा कि उनकी मौत के बात दलाई लामा के पद का क्या होगा, इसके बारे में विचार करने के लिए साल के अंत में भारत में तिब्बती बौद्धों की बैठक होगी।
उन्होंने कहा, "अगर तिब्बत के बहुमत लोग चाहेंगे, तभी दलाई लामा की यह संस्था बनी रहेगी। इसके बाद ही 15वें दलाई लामा का सवाल आता है।"
उन्होंने साफ किया कि भगवान बुद्ध का कोई पुनर्जन्म नहीं हुआ लेकिन उनकी शिक्षा आज भी बरकरार है।