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सुखोई लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करेगा भारत, आधुनिक मिसाइलों और रडार से होंगे लैस 
भारत अपने सुखोई लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करेगा

सुखोई लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करेगा भारत, आधुनिक मिसाइलों और रडार से होंगे लैस 

लेखन आबिद खान
Jul 03, 2025
01:43 pm

क्या है खबर?

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत लगातार अपने सैन्य क्षमताओं को विकसित करने पर काम कर रहा है। अब भारत अपने Su-30MKI लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने की तैयारी कर रहा है। 2 चरण में पूरी होने वाली इस परियोजना के लिए 66,829 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके तहत अगले 3-4 सालों में 84 Su-30MKI विमानों को अपग्रेड किया जाएगा। इस परियोजना को 'सुपर-30' नाम दिया गया है।

श्रमता

अपग्रेड के बाद 2055 तक इस्तेमाल हो सकेंगे सुखोई विमान

भारत का मानना है कि अपग्रेड के बाद सुखोई विमान अगले 30 सालों तक अपनी सेवाएं देते रहेंगे। ये प्रक्रिया 2 चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में नए एवियोनिक्स और हथियार और मिसाइल प्रणाली को एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा और उन्हें विमानों में लगाया जाएगा। दूसरे चरण में विमानों में इंजन के प्रदर्शन और युद्ध क्षमताओं को बढ़ाया जाएगा। ये परियोजना साल 2026 में शुरू होने की उम्मीद है।

अपग्रेड

विमानों में क्या-क्या अपग्रेड किया जाएगा?

विमानों में गैलियम नाइट्राइड बेस्ड AESA रडार लगाया जाएगा, जो लंबी दूरी के लक्ष्यों को ट्रैक करने और जैमिंग-रेसिस्टेंट क्षमताओं से लैस है। विमानों की कॉकपिट में नई पीढ़ी के टच वाइडस्क्रीन डिस्प्ले, लेटेस्ट मिशन कंट्रोल कंप्यूटर और वॉयस-एक्टिवेटेड सिस्टम लगाए जाएंगे, जो पायलट का काम आसान करेंगे। Su-30 MKI विमानों को स्वदेशी हथियारों से लैस किया जाएगा। इनमें अस्त्रा Mk-1 और Mk-2, अस्त्रा MkIII और ब्रह्मोस-A सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल लगाई जाएंगी।

पाकिस्तान

अपग्रेड के बाद पाकिस्तानी F-16 को मात देगा सुखोई?

माना जा रहा है कि अपग्रेड के बाद सुखोई की क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। 2019 के बालाकोट हमले के दौरान कथित तौर पर सुखोई विमानों को अपनी सीमित रडार श्रमताओं के कारण पाकिस्तान के F-16 के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा था। अपग्रेड में रडार को आधुनिक बनाना भी शामिल है, जिससे संभावित रूप से F-16 जैसे विमानों से खतरों को बेअसर किया जा सकेगा। भारत 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को विकसित करने पर भी काम कर रहा है।

विमान

जानें सुखोई विमानों की खासियत

भारत ने 1990 के दशक में रूस से सुखोई विमानों के लिए समझौता किया था। 2 इंजन वाला यह विमान 2,100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से एक बार में 3,000 किलोमीटर तक उड़ सकता है। इसमें 12 हार्ड प्वाइंट है, जिनमें 8,000 किलो वजनी हथियार लगाए जा सकते हैं। इसे ब्रह्मोस मिसाइलों से भी लैस किया गया है। ये अधिकतम 56,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। भारतीय वायुसेना के पास सबसे ज्यादा विमान सुखोई ही हैं।