
#NewsBytesExplainer: कौन होते हैं दलाई लामा और कैसे होता है उनके उत्तराधिकारी का चयन?
क्या है खबर?
तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक प्रमुख और 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने अपने 90वें जन्मदिन से पहले तिब्बती धार्मिक सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा है कि उनकी मृत्यु के बाद ही बौद्ध परंपराओं के मुताबिक नया उत्तराधिकारी चुना जाएगा। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के चयन का जिम्मेदारी गादेन फोडंग ट्रस्ट को सौंपी है और कहा कि इसमें किसी भी संगठन या सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। आइए जानते हैं दलाई लामा कैसे चुने जाते हैं।
दलाई लामा
सबसे पहले जानिए दलाई लामा कौन होते हैं
दलाई लामा तिब्बती बौद्धों के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक धर्मगुरु होते हैं। साल 1578 में यह उपाधि चीन के यांगहुआ मठ में अल्तान खान द्वारा प्रदान की गई थी। पेमा दोरजे को सबसे पहला दलाई लामा नियुक्त किया गया था। हालांकि, शुरू के 2 दलाई लामा को यह उपाधि मरणोपरांत दी गई थी। फिलहाल 14वें दलाई लामा का कार्यकाल चल रहा है, जिनका नाम तेनजिन ग्यात्सो है। वे भारत में निर्वासित जीवन जी रहे हैं।
चयन
कैसे होता है उत्तराधिकारी का चयन?
तिब्बती बौद्ध परंपराओं में माना जाता है कि भिक्षु की आत्मा उनके निधन के बाद पुनर्जन्म लेती है। इसलिए वर्तमान दलाई लामा के निधन के बाद उनका उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया जाता, बल्कि ढूंढा जाता है। बौद्ध लोगों का मानना है कि दलाई लामा एक ऐसे व्यक्ति का मानवीय रूप हैं, जिसने निर्वाण प्राप्त कर लिया है और जीवन, मृत्यु और पीड़ा के चक्र से मुक्त हो गया है।
तरीका
उत्तराधिकारी चुनने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाए जाते हैं?
दलाई लामा के निधन के बाद वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु एक बच्चे की तलाश करते हैं, जिसे दलाई लामा का अगला अवतार माना जाता है। वरिष्ठ भिक्षु इसके लिए अपने देवों से परामर्श, दर्शन की व्याख्या और सपने में मिले संकेतों का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा मृत दलाई लामा के शरीर से मिले संकेतों का भी विश्लेषण किया जाता है, जैसे कि उनका मुंह किधर है, शव जलाने पर धुंआ किस दिशा में गया वगैरह।
बच्चे
कैसे होती है दलाई लामा के अवतार की पहचान?
अगले दलाई लामा की तलाश कर रहे भिक्षु तिब्बत में एक दैवीय झील ल्हामो ला-त्सो में ध्यान लगाते हैं। यहां वे दलाई लामा के पुनर्जन्म के बारे में अंतर्दृष्टि पाने की कोशिश करते हैं। यहां से मिले संकेतों से अगर बच्चा मिल जाता है, तो उसे कुछ कलाकृतियां भेंट की जाती हैं, जिनमें से कुछ पिछले दलाई लामा की होती हैं। अगर बच्चा इन्हें पहचान लेता है तो इसे दलाई लामा के पुनर्जन्म का संकेत माना जाता है।
अन्य तरीके
सोने के कलश से निकाली जाती हैं चिट्ठियां
दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने के लिए सोने के कलश में कुछ नाम लिखी पर्चियां डाल दी जाती हैं। फिर इनमें से पहली पर्ची जिस नाम की निकलती है, उसे अगला दलाई लामा घोषित कर दिया जाता है। अब तक केवल 3 दलाई लामा ही इस तरह घोषित किए गए हैं। इसके अलावा एक अन्य विधि में कागज पर लिखे नामों को आटे की लोइयों में छिपाया जाता है और फिर एक लोई को चुना जाता है।
वर्तमान दलाई लामा
वर्तमान दलाई लामा का चयन कैसे हुआ था?
निधन के बाद 13वें दलाई लामा के शरीर को दक्षिण की ओर रखा गया था, लेकिन दावा किया कि उनका मुंह उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ गया था। इसे आध्यात्मिक संकेत माना गया। कुछ भिक्षु ल्हामो ला-त्सो झील गए, जहां एक भिक्षु ने हरे रंग की छत वाला मंदिर, एक घर और कुछ अक्षर देखे। इसके बाद एक दल चीन के किंघई प्रांत के टाक्टसर गांव पहुंचा। यहां दल को 2 साल का लड़का ल्हामो धोंडुप मिला, जिसने असाधारण व्यव्हार दिखाया।
संकेत
तेनजिन ग्यात्सो ने अगले दलाई लामा को लेकर क्या संकेत दिए हैं?
2004 में एक साक्षात्कार में वर्तमान दलाई लामा ने कहा था, "मेरा जीवन तिब्बत के बाहर बीता है, इसलिए तार्किक रूप से मेरा पुनर्जन्म भी बाहर ही होगा।" हाल ही में प्रकाशित हुई अपनी किताब 'वॉयस फॉर द वॉइसलेस' में दलाई लामा ने कहा है कि उनके उत्तराधिकारी का जन्म चीन के बाहर ही होगा। बता दें कि अब तक ज्यादातर दलाई लामा मध्य तिब्बती क्षेत्रों में आए हैं, जबकि एक मंगोलिया और एक भारत से रहे हैं।
2 दलाई लामा
क्या इस बार 2 दलाई लामा हो सकते हैं?
वर्तमान दलाई लामा ने तिब्बत में एक असफल विद्रोह के बाद 1959 से भारत में शरण ले रखी है। तब से चीन अगले दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहा है। चीन का कहना है कि उसका साम्राज्य काल से दलाई लामा के उत्तराधिकारी को मंजूरी देने का अधिकार है। माना जा रहा है कि तिब्बतियों द्वारा दलाई लामा की नियुक्ति के बाद चीन भी दलाई लामा नियुक्त कर सकता है।