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चीन ने बनाया दुनिया का पहला AI परमाणु निरीक्षक, इस तरह करता है काम 
चीन ने बनाया दुनिया का पहला AI परमाणु निरीक्षक

चीन ने बनाया दुनिया का पहला AI परमाणु निरीक्षक, इस तरह करता है काम 

May 30, 2025
02:47 pm

क्या है खबर?

चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम बनाई है, जो असली और नकली परमाणु हथियारों में फर्क कर सकती है। यह दुनिया की पहली AI तकनीक है, जो परमाणु हथियार नियंत्रण को सत्यापित कर सकती है। यह तकनीक चीन के परमाणु ऊर्जा संस्थान ने विकसित की है और इसे अप्रैल में एक रिसर्च पेपर में प्रकाशित किया गया। यह नई तकनीक परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता में चीन की भूमिका को मजबूत कर सकती है।

काम

तकनीक की खासियत और कैसे काम करती है?

यह AI सिस्टम न्यूट्रॉन विकिरण के आधार पर आसानी से परमाणु वारहेड की पहचान करती है। वैज्ञानिकों ने इसमें डीप लर्निंग तकनीक और मोंटे कार्लो सिमुलेशन का इस्तेमाल किया। न्यूट्रॉन सिग्नल पास करने के लिए एक पॉलीथीन दीवार लगाई गई, जिससे हथियार की बनावट छिपी रहती है। AI बिना किसी डिजाइन जानकारी के सिर्फ विकिरण संकेतों से ही असली हथियार की पहचान करता है, जिससे तकनीकी राज सुरक्षित रहते हैं।

 फायदे 

संभावित फायदे और विश्वसनीयता 

इस AI सिस्टम से परमाणु हथियारों की जांच बिना किसी जानकारी लीक किए की जा सकती है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना लगभग खत्म हो जाती है। अगर मेजबान देश और निरीक्षक मिलकर कई दौर की जांच करें, तो भरोसेमंद नतीजे मिल सकते हैं। यह तकनीक गुप्त जानकारी छिपाते हुए भी यह तय कर सकती है कि कोई हथियार असली है या नहीं, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों बनी रहती है।

चिंता 

AI सैन्यीकरण पर बढ़ती चिंता 

यह तकनीक ऐसे समय आई है जब AI के सैन्य इस्तेमाल पर वैश्विक चिंता बढ़ रही है। अमेरिका और चीन ने परमाणु निर्णयों में AI के इस्तेमाल पर रोक लगाई है, लेकिन साथ ही स्मार्ट रक्षा सिस्टम और स्वचालित हथियारों पर काम जारी है। चीन की यह नई पहल पारंपरिक हथियार सत्यापन पद्धतियों से काफी अलग है और भविष्य में AI की भूमिका पर नई बहस शुरू कर सकती है।