NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत की स्पेशल फ्रंटियर फोर्स चर्चा में क्यों है?
    अगली खबर
    भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत की स्पेशल फ्रंटियर फोर्स चर्चा में क्यों है?

    भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत की स्पेशल फ्रंटियर फोर्स चर्चा में क्यों है?

    लेखन प्रमोद कुमार
    Sep 06, 2020
    07:31 pm

    क्या है खबर?

    इस सप्ताह लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास हुए एक माइन धमाके में तेनजिन नियेमा शहीद हो गए थे।

    सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें वायरल हुईं थी, जिनमें उनके पार्थिव शरीर को भारतीय तिरंगे और तिब्बत के झंडे से ढका हुआ दिखाया गया था।

    तेनजिन की शहादत के बाद प्रशिक्षित पहाड़ी योद्धाओं का एक खास बल चर्चा में आ गया है। इसे स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) के नाम से जाना जाता है।

    शुरुआत

    1962 के युद्ध के बाद की गई थी SFF की स्थापना

    तेनजिन SFF का हिस्सा थे। इसकी स्थापना 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के बाद की गई थी।

    शुरुआत में इस बल में तिब्बत से आए शरणार्थियों को भर्ती किया गया था। SFF ने अपनी शुरुआत के बाद 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1999 के करगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन यह कभी चर्चा का हिस्सा नहीं बन पाई।

    यह खबरों और आम लोगों की नजरों से दूर अपने काम को अंजाम देती रही।

    तैनाती

    चीन के साथ विवाद के बीच लद्दाख में तैनात हैं SFF की बटालियन- रिपोर्ट

    द प्रिंट के मुताबिक, चीन के साथ सीमा पर पिछले पांच महीनों से जारी तनाव के बीच भारत ने जो अतिरिक्त सेना लद्दाख में तैनात की है, उसमें SFF के जवान भी शामिल हैं।

    इस बल के बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन जानकारों को कहना है कि इसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल होते हैं और उन्हें कमांडो को दी जाने वाली ट्रेनिंग दी जाती है।

    स्थापना

    खुफिया एजेंसियों ने दिया था SFF की शुुरुआत का विचार

    मेजर जनरल सुजान सिंह उबान ने इस बल को तैयार किया था और इसे शुरुआत में एस्टैबलिशमेंट 22 के नाम से जाना जाता है।

    कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस बल की स्थापना का विचार खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख बीएन मलिक और अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA का था।

    चीनी युद्ध के बाद भारत के कहने पर कई तिब्बती युवा इस बल का हिस्सा बने और जल्द ही इनकी संख्या 6,000 हो गई थी।

    दूसरा नाम

    विकास बटालियन के नाम से भी जानी जाती है SFF

    SFF विकास बटालियन के नाम से भी जानी जाती है और यह कैबिनेट सचिवालय के तहत आती है। मेजर जनरल रैंक के अधिकारी इस बटालियन के प्रमुख होते हैं, जो SFF के इंस्पेक्टर जनरल होते हैं।

    उत्तराखंड के चकराता में इसका मुख्य कैंप है। स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के कुल जवानों की संख्या के बारे में पता नहीं चल पाया है।

    इसके जवानों को ऊंची जगहों पर होने वाली लड़ाईयों के लिए ट्रेनिंग दी जाती है।

    तैनाती

    चीन के साथ लगी सीमा पर रहती है अधिकतर तैनाती

    सूत्रों ने बताया कि SFF में शामिल जवानों को पहाड़ों पर होने वाली लड़ाईयों की ट्रेनिंग दी जाती है और इन्हें अधिकतर चीन के साथ लगी सीमा पर तैनात किया जाता है।

    हालांकि, इनकी तैनाती की जानकारी अधिकतर गुप्त ही रखी जाती है।

    एक पूर्व सेना अधिकारी कहते हैं कि भारतीय सेना पहाड़ों और सीमा पर तैनाती के लिए स्थानीय युवाओं वाली स्काउट रेजीमेंट को चुनती है। इसकी वजह यह है कि इन्हें इलाके की बेहतर जानकारी होती है।

    ऑपरेशन

    1971 के युद्ध में SFF ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

    SFF ने 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी हिस्सा लिया था। इस युद्ध में SFF की बटालियन को चिटगांव के पहाड़ी इलाकों के पास तैनात किया गया था।

    उन्हें भारतीय सेना की मदद करने के लिए दुश्मनों की चौकियों को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था।

    इस ऑपरेशन को 'ईगल' नाम दिया गया था। SFF जवानों ने बांग्लादेश में घुसकर पाकिस्तान सैनिकों, सैन्य ठिकानों, संचार उपकरणों, हथियारों और दूसरे सामानों पर हमला कर उन्हें तहस-नहस कर दिया था।

    जानकारी

    वीरता के लिए सम्मानित की गई थी SFF

    इस युद्ध में दिखाई गई बहादुरी के लिए स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवानों को सम्मानित भी किया गया था। इसके अलावा SFF ने 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार, सियाचिन ग्लेशियर को कब्जे में करने और करगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    चीन समाचार
    भारत की खबरें
    उत्तराखंड
    भारतीय सेना

    ताज़ा खबरें

    IPL 2025 के बाद महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने की कोई संभावना नहीं- रिपोर्ट  इंडियन प्रीमियर लीग
    पाकिस्तान को एक और झटका देने की तैयारी में भारत, रणबीर नहर का करेगा विस्तार सिंधु जल संधि
    हुंडई हाइब्रिड पावरट्रेन पर कर रही काम, 26 मॉडल लॉन्च की भी योजना  हुंडई मोटर कंपनी
    माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज के लिए पेश किया नया लॉन्चर कमांड पैलेट, जानिए क्या हाेगा फायदा  माइक्रोसॉफ्ट

    चीन समाचार

    कोरोना वायरस: इंसानी ट्रायल में पहुंची 29 संभावित वैक्सीन, छह अंतिम चरण में भारत की खबरें
    कोरोना वायरस: क्या है इम्युन सिस्टम और वैक्सीन के काम करने का तरीका? वैक्सीन समाचार
    ठीक होने के बाद फिर से अस्पताल में भर्ती क्यों हो रहे कोरोना संक्रमित? दिल्ली
    चीन: बीजिंग में अब मास्क पहनना अनिवार्य नहीं, नियमों में किया गया बदलाव भारत की खबरें

    भारत की खबरें

    भारत के बेहतरीन रेल संग्रहालय जहां आपको एक बार घूमने जरूर जाना चाहिए दिल्ली
    पंजाब: दो पंचायतों में पारित हुआ प्रस्ताव, गांव में ही होगा कोरोना संक्रमितों का इलाज पंजाब
    कोरोना वायरस के कारण प्रभावित हुईं 90 प्रतिशत देशों की नियमित स्वास्थ्य सेवाएं- सर्वे कैंसर
    कोरोना वायरस: देश के तीन राज्यों में हैं करीब 50 प्रतिशत सक्रिय मामले कर्नाटक

    उत्तराखंड

    दिल्ली-NCR को मिलेगा दूसरा एयरपोर्ट, कल हिंडन एयरपोर्ट से उड़ान भरेगा पहला विमान दिल्ली
    वन्यजीव फोटोग्राफी पसंद है तो भारत के इन छह सर्वश्रेष्ठ स्थानों की करें सैर भारत की खबरें
    भारत के नए नक्शे पर विवाद, नेपाली प्रधानमंत्री बोले- कालापानी हमारा इलाका, सेना हटाए भारत भारत की खबरें
    जानें कौन हैं अभिनेत्री मोहिना कुमारी सिंह जिसके वेडिंग रिसेप्शन में पहुंचे थे प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली

    भारतीय सेना

    सेना प्रमुख का बयान, कहा- चीन के साथ सीमा पर पूरी तरह नियंत्रण में है स्थिति चीन समाचार
    जम्मू-कश्मीर: नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की गोलाबारी में एक जवान शहीद, तीन घायल पाकिस्तान समाचार
    ...जब भारत और चीन सीमा पर आखिरी बार चली थी गोली चीन समाचार
    शहीद कर्नल संतोष के माता-पिता बोले- गर्व है कि बेटे ने देश के लिए जान दी चीन समाचार
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025