
#NewsBytesExplainer: देश को कब मिलेगा अगला उपराष्ट्रपति और कितनी लंबी होती है चुनावी प्रक्रिया?
क्या है खबर?
जगदीप धनखड़ ने बीते दिनों स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और 22 जुलाई को गृह मंत्रालय ने भी इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। अब नए उपराष्ट्रपति की तलाश जारी है। हालांकि, कुछ प्रावधानों के चलते देश को नया उपराष्ट्रपति संसद के मानसून सत्र के बाद ही मिल सकेगा। आइए इसके नियम जानते हैं।
समयसीमा
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नहीं है कोई समयसीमा
संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, राष्ट्रपति का पद अगर खाली होता है, तो उसे 6 महीने के भीतर भरना जरूरी है, लेकिन उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसी कोई निश्चित समयसीमा नहीं है। केवल यह कहा गया है कि पद रिक्त होने के बाद जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं। अब चुनाव आयोग उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेगा, लेकिन इसमें करीब एक महीना लग जााएगा। इसलिए अगला उपराष्ट्रपति मानसून सत्र के बाद ही मिल सकेगा।
प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति के चुनाव में कितना समय लगता है?
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम के तहत, चुनाव आयोग अधिसूचना जारी करने के बाद 30-32 दिन की समयसीमा से बंधा होता है। उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने के लिए 14 दिन दिए जाते हैं। फिर एक दिन में नामांकन जांचे जाते हैं। नामांकन वापस लेने के लिए 2 दिन दिए जाते हैं। चुनाव नामांकन वापसी की समयसीमा के 15 दिन बाद ही होना चाहिए। इस तरह अधिसूचना से लेकर नतीजे आने तक कम से कम 32 दिन लग जाते हैं।
राज्यसभा
शीतकालीन सत्र में ही मिलेगा राज्यसभा को नया सभापति
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। फिलहाल उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होने की स्थिति में राज्यसभा के उप-सभापति सदन का कामकाज संभाल रहे हैं। अब गृह मंत्रालय चुनाव आयोग को आधिकारिक तौर पर इस्तीफे की अधिसूचना भेजेगा। इसके बाद चुनावों को लेकर एक औपचारिक बैठक होगी। अधिसूचना जारी करने में भी 2-3 हफ्ते का समय लगेगा, क्योंकि आयोग को निर्वाचक मंडल सूची अपडेट करनी होगी और सभी प्रारूपों और भाषाओं में मतपत्रों की छपाई करनी होगी।
योग्यता
कौन लड़ सकता है उपराष्ट्रपति चुनाव?
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए और उसकी उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए। इसी तरह वो राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के योग्य होना चाहिए और उसके पास इलेक्टोरल कॉलेज के 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदक भी होना जरूरी है। उन्हें राष्ट्रपति, राज्यपाल या मंत्री जैसे पदों को छोड़कर केंद्र या राज्य सरकारों के अधीन किसी भी लाभ के पद पर आसाीन नहीं होना चाहिए।
मतदान
उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन-कौन लेता है हिस्सा?
उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य हिस्सा लेते हैं। हर सदस्य उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में रखकर वोट डालता है। सभी मतों का मूल्य समान होता है। निर्वाचित घोषित होने के लिए किसी उम्मीदवार को आवश्यक न्यूनतम मतों की संख्या प्राप्त करनी होती है, जिसे कोटा कहा जाता है। इसकी गणना कुल वैध मतों की संख्या को 2 से भाग देकर और एक जोड़कर की जाती है।
इस्तीफा
धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा?
धनखड़ ने सोमवार को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया। इसमें उन्होंने 'स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने' को वजह बताया है। हालांकि, उनके इस्तीफे को लेकर कई अटकलें हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से जुड़े विपक्ष के नोटिस को बिना सरकार को सूचित किए स्वीकारने पर भाजपा आलाकमान उनसे नाराज चल रहा था।