संसद सत्र की समाप्ति पर विपक्ष ने लोकसभा स्पीकर की पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया
संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को भारी विरोध और हंगामे के बीच अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान विपक्ष और भाजपा के सांसदों ने विरोध-प्रदर्शन किया। सत्र की समाप्ति पर विपक्ष ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया है। विपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ FIR और सदन में पक्षपात से नाराज है। सत्र के अंतिम दिन बिरला ने सांसदों के संसद परिसर और गेट पर प्रदर्शन करने पर पाबंदी लगा दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो सकते हैं शामिल
लोकसभा स्पीकर की पारंपरिक चाय पार्टी में विपक्षी से किसी के शामिल होने की संभावना नहीं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल सभी दलों के सांसद इसमें शामिल हो सकते हैं। विपक्ष का कहना है कि इस बहिष्कार के जरिए वे संदेश देना चाहते हैं कि संसद में विपक्ष के साथ भेदभाव जारी है और उनकी आवाज दबाई जा रही है। इससे पहले भी विपक्ष कई मौकों पर पारंपरिक दावतों का विरोध कर चुका है।
सदन में अंतिम दिन क्या हुआ?
लोकसभा और राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा हुआ, जिसके बाद दोपहर 12 बजे लोकसभा और 12:09 बजे राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद विपक्षी INDIA गठबंधन के सांसदों ने विजय चौक से लेकर संसद तक मार्च निकाला और शाह के इस्तीफे और माफी की मांग की। भाजपा के सांसदों ने भी गांधी प्रतिमा के पास कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन किया।
क्या है शाह को लेकर विवाद?
देश में संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर मंगलवार को संविधान पर चर्चा के अंतिम दिन शाह ने राज्यसभा में अंबेडकर पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, "अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।" इसी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने शाह से माफी और इस्तीफा देने की मांग की है।